दिल्ली में 10वीं कक्षा के छात्र ने मेट्रो स्टेशन से कूदकर की आत्महत्या

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में अशोका प्लेस स्थित सेंट कोलंबस स्कूल के 10वीं कक्षा के 16 वर्षीय छात्र ने बुधवार को राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।

पुलिस के अनुसार घटना आज दोपहर करीब 14:45 बजे हुई। मृतक की पहचान शौर्य पाटिल के रूप में हुई है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 107/(3)(5) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि छात्र के स्कूल बैग से एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में दावा किया गया है कि उसके स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण उसने यह कदम उठाया।

शौर्य ने सुसाइड नोट में आग्रह किया है कि अन्य बच्चों की सुरक्षा के लिए उसके शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए,ताकि उसकी तरह कोई और विद्यार्थी ऐसा न करे।

करोल बाग इलाके में ही अपना व्यवसाय करने वाले शौर्य के पिता प्रदीप पाटिल को एक राहगीर ने बताया कि उनका बेटा मेट्रो स्टेशन से गिर गया है। उसे जल्द ही पास के अस्पताल में ले जाया गया, जहां शौर्य को मृत घोषित कर दिया गया।

मृतक के पिता ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्रााथमिकी में उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी प्रांजल गृहिणी हैं और मेरा बड़ा बेटा पार्थ पाटिल (20) लोधी कॉलोनी स्थित आईआईएलएम में पढ़ रहा है। मुझे फोन आया कि मेरे छोटे बेटे शौर्य पाटिल (16), जो सेंट कोलंबस स्कूल में दसवीं कक्षा का छात्र है को स्कूल के तीन शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका परेशान कर रही हैं। वे उसे छोटी-छोटी बातों पर डांटते थे। मैंने यह मुद्दा उठाया था, लेकिन वे मेरे बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहे।

प्राथमिकी में कहा गया है कि पिता को उनके बेटे के दो सहपाठियों ने बताया कि पीड़ित को कथित तौर पर एक शिक्षक ने डांटा और धक्का भी दिया। प्राथमिकी में लिखा है कि एक शिक्षिका ने मेरे बेटे को यह कहते हुए डांटा कि वे उसका स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) दे देंगी। एक शिक्षिका ने कथित तौर पर मेरे बेटे को धक्का दिया।

18 नवंबर को एक ड्रामा क्लास के दौरान जब उसकी एक अन्य शिक्षिका गलती से गिर गई, तो उन्होंने उसका मज़ाक उड़ाया और कहा कि वह ओवरएक्टिंग कर रहा है। इसके बाद भी वह उसे डांटती रहीं, जिससे वह फूट-फूट कर रोने लगा। उन्होंने मेरे बेटे से यह भी कहा कि उसके आंसुओं से उन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। प्रधानाध्यापिका वहां खड़ी थीं, लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा। उन सभी ने उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया, कृपया उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।