विकास कार्यों के लिए सुझाव आमंत्रित, प्राथमिक चरण में आवश्यक कार्य होंगे शामिल
अजमेर। पुष्कर ब्रह्मा मंदिर कॉरिडोर के विकास एवं निर्माण कार्यों को लेकर सोमवार को जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, कलक्टर लोकबंधु एवं अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त नित्या के की अध्यक्षता में हितधारकों के साथ व्यापक विचार विमर्श बैठक आयोजित की गई। बैठक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बजट घोषणा के अनुरूप पुष्कर के सर्वांगीण विकास की कार्ययोजना के लिए हितधारकों के सुझावों पर चर्चा के लिए राजस्थान पर्यटन विकास निगम के गणगौर में आयोजित हुई।
जल संसाधन मंत्री रावत ने कहा कि तीर्थराज पुष्कर के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने प्रथम ही बजट में स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि पुष्कर सतयुगी तीर्थस्थल है जिसका उल्लेख त्रेतायुग में भगवान राम, द्वापर में भगवान कृष्ण, पांडवों तथा अन्य ऐतिहासिक कालखंडों में भी मिलता है। उन्होंने कहा कि यह विकास कार्य किसी के नुकसान के लिए नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की सुविधा के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने राजनीति और दुर्भावना से मुक्त होकर सामूहिक प्रयासों से पुष्कर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की आवश्यकता बताई।
ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री की संकल्पना के अनुरूप तीर्थगुरु पुष्कर का विकास देश विदेश के तीर्थ स्थलों में एक विशिष्ट पहचान स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल केवल प्राथमिक और आवश्यक विकास कार्यों पर विचार किया जा रहा है। इसमें क्षेत्रवासी अफवाहों पर ध्यान नहीं देवे । भविष्य में यदि मार्ग विस्तार अथवा संरचनात्मक फेरबदल की आवश्यकता होगी तो हितधारकों से पूर्ण चर्चा कर ही निर्णय लिए जाएंगे।
बैठक में यह आश्वासन भी दिया गया कि पुष्कर के विकास से संबंधित कोई भी निर्णय हितधारकों की सहमति और सुझावों के साथ ही लिया जाएगा तथा विकास कार्यों को लेकर भ्रांतियों से बचने की अपील की गई।
कलक्टर लोकबंधु ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पुष्कर आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पुष्कर धार्मिक पर्यटन के साथ एक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी उभर रहा है। उन्होंने पर्याप्त वाहन पार्किंग व्यवस्था तथा शहर में ई-रिक्शा और टेम्पो को प्रमुख परिवहन माध्यम के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और रिंग रोड के निर्माण को भी शहर के भविष्य के लिए आवश्यक बताया।
पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि पुष्कर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण के साथ अपेक्षित विकास कार्यों का संतुलन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विकास कार्य इस प्रकार किए जाएं कि पर्यटक यहां अधिक समय तक ठहरें। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में संबंधित हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए गए। इनके आधार पर प्रथम चरण में अतिआवश्यक कार्यों को शामिल करने तथा दूसरे चरण में सौंदर्यीकरण एवं संरचनात्मक विकास के शेष कार्यों को समाहित किया जाएगा।
हितधारकों द्वारा प्रस्तुत सुझावों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को सुदृढ़ करना, सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था को बेहतर बनाना, नए मेला मैदान के विकास कार्य, दो नए प्रवेश द्वार, विश्राम स्थली निर्माण, सीवरेज की चौड़ाई और ढाल को वैज्ञानिक रूप से सुधारना तथा सीवरेज का पानी सरोवर में नहीं आने देने के लिए प्रभावी योजना बनाने जैसे सुझाव शामिल रहे।
सुझावों में यह भी कहा गया कि एसटीपी की क्षमता बढ़ाई जाए, सीवरेज सिस्टम को सीधे ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाए, नाला निर्माण को प्राथमिकता दी जाए तथा पंचकुंड की ओर होने वाले सीवरेज ओवरफ्लो से मार्ग अवरुद्ध होने की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। साथ ही सरोवर में बाहरी कॉलोनियों से गंदा पानी आने पर रोक लगाने, जल निकासी व्यवस्था के लिए मास्टर प्लान तैयार करने और ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाने की आवश्यकता भी बताई गई।
बैठक में धार्मिक पर्यटन के विस्तार के लिए प्रमुख पांच मंदिरों बैकुंठनाथ, श्रीराम बैकुंठनाथ, वराह मंदिर, अटपटेश्वर महादेव तथा ब्रह्मा मंदिर को एक सर्किट के रूप में विकसित करने के सुझाव सामने आए। हितधारकों ने स्थाई पार्किंग, उद्यान, बस स्टैंड की सुव्यवस्थित व्यवस्था, साइन बोर्डों की स्थापना तथा वर्षा पूर्व एवं पश्चात नालों की नियमित सफाई की भी मांग रखी। शहर में सुचारु यातायात के लिए रिंग रोड निर्माण तथा आवश्यकतानुसार सड़कों के चौड़ीकरण का प्रस्ताव भी दिया गया।



