रेलवे स्लीपर क्लास के लिए भी अब उपलब्ध करवाएगा सैनिटाइज्ड बेडरोल

चेन्नई। रेलवे अगले वर्ष एक जनवरी से ‘नॉन-एसी स्लीपर क्लास’ के यात्रियों को ‘सैनिटाइज्ड बेडरोल’ (बिस्तर) उपलब्ध करवाएगा।

उल्लेखनीय है कि ‘स्लीपर क्लास’ के यात्रियों के आराम और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा सबसे पहले दक्षिण रेलवे का चेन्नई रेल मंडल शुरू करने जा रहा है। ‘नॉन-एसी स्लीपर क्लास’ के यात्री एक जनवरी से निर्धारित भुगतान करके सैनिटाइज्ड बेडरोल का अनुरोध कर सकते हैं।

रेलवे की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि अभी तक स्लीपर क्लास के यात्रियों के लिए इस प्रकार की बेडरोल की व्यवस्था नहीं थी। इस समस्या के समाधान के लिए चेन्नई मंडल ने 2023-24 के दौरान एक पायलट परियोजना लागू की थी। इस परियोजना को यात्रियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिसके चलते रेलवे ने इस सेवा को एक नियमित गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) पहल के रूप में शुरू करने का निर्णय लिया है। इस सेवा से यात्रियों को लाभ तो होगा ही, साथ ही भारतीय रेलवे को भी अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी।

यह सेवा शुरू में चेन्नई मंडल की ओर से दस ट्रेनों में तीन साल की अवधि के लिए लागू की जाएगी। इससे रेलवे को बेडरोल उलब्ध कराने वालों को लाइसेंस देने के उपलक्ष्य में लगभग 28,27,653 रुपए का वार्षिक लाइसेंस शुल्क प्राप्त होगा।

यात्रियों के लिए तीन प्रकार के पैकेज उपलब्ध होंगे। पहले पैकेज में, एक बेडशीट, एक तकिया और एक तकिए का कवर की कीमत 50 रुपए होगी। दूसरे पैकेज में केवल एक तकिया और एक तकिए का कवर होगा, जिसकी कीमत 30 रूपए होगी। तीसरे पैकेज में केवल एक बेडशीट होगी, जिसकी कीमत 20 रुपए होगी।

यह सुविधा चेन्नई-कोयंबटूर नीलगिरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, मैंगलोर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, मन्नारगुडी एक्सप्रेस, तिरुचेंदुर एक्सप्रेस, पालघाट एक्सप्रेस, सिलम्बुथ सुपरफास्ट एक्सप्रेस, ताम्बरम-नागरकोइल सुपरफास्ट एक्सप्रेस, त्रिवेंद्रम सुपरफास्ट एक्सप्रेस, एलेप्पी सुपरफास्ट एक्सप्रेस और मैंगलोर एक्सप्रेस (वेस्ट कोस्ट) में शुरू की जाएगी। इन ट्रेनों में यह बेडरोल सुविधा दोनों दिशाओं में प्रदान की जाएगी।