पार्थिव शिवलिंग का वेद मंत्रों से पूजन अभिषेक
अजमेर। कायड़ स्थित ग्रीन कॉलोनी में शिव महापुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए संत उत्तमराम शास्त्री ने कहा कि भोलेनाथ की शरण में आने वाले का कल्याण होता है, उसके सारे कष्ट मिट जाते हैं। भगवान भोलेनाथ संसार में सबसे दयालु हैं उनके लिए सभी एक समान है। बड़ा हो या छोटा वाला वे सबका कल्याण करते हैं किसी मैं कोई भेद नहीं रखते।
कथा के दौरान रामधनी संप्रदाय की युवा संत श्रीमद् भागवत भूषण उत्तम राम शास्त्री ने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन और पूजन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जो व्यक्ति सुबह-शाम इनका नाम लेता है, उसके सात जन्मों के पाप मिट जाते हैं और वह जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है।
महाराज ने कथा में कार्तिकेय और गणेश जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जब गणेश प्रथम पूजनीय हुए तो उन्होंने उन्हें भगवान भोलेनाथ ने आशीर्वाद दिया कि संसार में कोई भी काम होगा तो प्रथम पूजन आपका ही होगा। जब संसार का भ्रमण करने के बाद कार्तिक के वहां आए तो उन्होंने मां पार्वती से कहा कि मैने तो कर्म किया है। उन्होंने प्रश्न किया कि कर्म बड़ा है या बुद्धि बड़ी है।
मां ने कहा की कर्म बड़ा है परंतु वह बुद्धि के साथ किया जाए तो उसका फल सौगुणा मिलता है। जब कार्तिकेय ने कहा कि मां आपको गणेश अति प्रिय है तब मां ने कहा की पूरा दक्षिण तुम्हारी पूजा करेगा। इस दौरान ब्रह्मा जी ने इस संदर्भ में कहा की मल्लिकार्जुन प्रथम ज्योतिर्लिंग है इसकी महिमा बड़ी है।
अमावस्या का मतलब मल्ली अर्थात अर्जुन शिव और पार्वती के संयुक्त रूप से ही विराजमान रहते हैं। अमावस्या को जो इसका दर्शन करते हैं उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। मानव कल्याण व ईश्वर की आराधना के संबंध को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि निष्काम भाव से जो भोलेनाथ की पूजा करता है तो उसे मोक्ष मिलता है। भगवान भोलेनाथ के 12 शिवलिंगों के अलावा 12 पार्थिव शिवलिंग का भी पूजन करने से वही प्राप्त होता है।
इसलिए भगवान की पूजा मन लगाकर और निष्काम भाव से करें तुम मानव की मनोकामना भी पूर्ण होती है। पंडित राकेश शर्मा ने पार्थिव शिवलिंग का वैदिक विधि विधान से पूजन व अभिषेक करवाया। बंटी रावण पार्टी ने भजनों की प्रस्तुति कर माहौल को भक्ति में कर दिया। आयोजक प्रेमचंद चौहान व सीमा कंवर परिवार ने आरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया।



