अजमेर। शिव महापुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए संत उत्तमराम शास्त्री ने कहा कि भोलेनाथ की शरण में आने वाले का कल्याण होता है उसके सारे कष्ट मिट जाते हैं। उन्होंने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन और पूजन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जो व्यक्ति सुबह-शाम इनका नाम लेता है, उसके सात जन्मों के पाप मिट जाते हैं और वह जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है।
महाराज ने कथा के दौरान की मार्कंडेय ऋषि का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि निष्काम भाव से जो भोलेनाथ की पूजा करता है तो उसे मोक्ष मिलता है। उन्होंने भगवान भोलेनाथ के द्वादश ज्योतिर्लिंगों का वर्णन करते हुए बताया कि विंध्याचल पर्वत ने भी भगवान शिव की पूजा की, तब भोलेनाथ ने पर्वत को कहा कि मैं शिवालय के रूप में साक्षात रहूंगा और ओमकारेश्वर और भीमाशंकर के रूप में रहूंगा। भक्तों की इच्छा पूरी करूंगा भक्ति और मुक्ति दूंगा जो जैसा चाहेगी वैसा ही मिलेगा उसकी कामना पूर्ण होगी।
द्वादश ज्योतिर्लिंगों का वर्णन करते हुए संत उत्तम राम शास्त्री ने कहा संसार में शिव कैसे देव है जो प्रकृति के नजदीक है उन्होंने कभी भी अपने लिए निवास नहीं बनाया वह कभी कैलाश पर कवि बद्रीनाथ कभी काशी इन सब जगह पर निवास करते हैं। कथा के दौरान उज्जैन के महंत ध्यानीराम महाराज ने भगवान भोलेनाथ की महिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस सृष्टि को बचाने के लिए जिस प्रकार भगवान भोलेनाथ ने जहर पिया। ठीक इसी प्रकार आप भगवान भोलेनाथ की अमृत रूपी कथा का पान करें ताकि आपकी जीवन में भी शांति आए यह बड़ा पवित्र महीना है। इस अवसर पर कथा श्रवण करने से जीव को मुक्ति मिलती है।
आज द्वादश ज्योतिर्लिंगों की पूजा अर्चना पंडित राकेश शर्मा ने वैदिक मंत्रों के साथ विधि विधान पूर्वक करवाई। कथा के दौरान राम प्रसाद टांक, उनकी पत्नी का महाराज ने स्वागत किया। रविवार को कथा की पूर्णाहुति होगी और रुद्राक्ष वव पौधों का वितरण जाएगा। महाआरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।




