मुम्बई। महाराष्ट्र भर में हुए नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है।
लंबे समय से बनी इस धारणा को तोड़ते हुए कि गठबंधन में केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ही अच्छा प्रदर्शन करती है, शिवसेना ने कई स्थानों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ते हुए अपने दम पर शानदार प्रदर्शन किया है।
शिवसेना ने विशेष रूप से महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के तीनों दलों की कुल सीटों से भी अधिक सीटें जीती हैं, जिससे इन चुनावों में उसका निर्विवाद वर्चस्व स्थापित हो गया है।
शिवसेना ने लगभग 135 सीटों पर चुनाव लड़ा और 50 से अधिक नगर अध्यक्ष पदों पर जीत हासिल करने में सफल रही। शिवसेना (उद्धव) की तुलना में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने लगभग पांच गुना अधिक सफलता हासिल की है। पार्टी की इस जीत के बाद राजनीतिक हलकों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की व्यापक स्वीकार्यता पर चर्चा तेज हो गई है।
कई क्षेत्रों में शिवसेना ने अपने सहयोगी दल भाजपा के उम्मीदवारों को भी हराया, जिससे उसकी एक मजबूत स्वतंत्र पहचान बनी है। पार्टी ने कोंकण क्षेत्र में महत्वपूर्ण बढ़त बनाई, जिसमें रवींद्र चव्हाण जैसे वरिष्ठ नेताओं के प्रभाव वाले क्षेत्र और गणेश नाइक का गढ़ माने जाने वाले दहानू-पालघर शामिल हैं।
शिवसेना ने प्रतिष्ठित कणकवली और मालवन निर्वाचन क्षेत्रों में भी जीत दर्ज की। सांगोला में विधायक शहाजीबापू पाटिल ने अकेले दम पर विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया। कुल मिलाकर, ये परिणाम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुए हैं, जो महाराष्ट्र भर में उसकी बढ़ती राजनीतिक ताकत और स्वतंत्र अपील को रेखांकित करते हैं।



