छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को दी गर्भपात की अनुमति

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के मामले में संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण का परिचय देते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। शीतकालीन अवकाश के दौरान भी अदालत की एकल पीठ ने विशेष सुनवाई करते हुए पीड़िता को गर्भपात की अनुमति प्रदान की।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति पीपी साहू ने की। अदालत ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) और पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को निर्देश दिए हैं कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में गर्भपात की प्रक्रिया पूरी कराई जाए। साथ ही,भविष्य में साक्ष्य के उपयोग को ध्यान में रखते हुए भ्रूण का डीएनए सुरक्षित रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।

प्रकरण रायपुर जिले की 16 वर्षीय किशोरी से संबंधित है, जिसे आरोपी युवक द्वारा शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का शिकार बनाया गया। परिजनों को तब संदेह हुआ जब किशोरी के शरीर में परिवर्तन दिखाई देने लगे। पूछताछ के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ और चिकित्सकीय जांच में किशोरी के लगभग 25 सप्ताह की गर्भवती होने की पुष्टि हुई।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता ने परिजनों के माध्यम से उच्च न्यायालय में गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी। इस पर न्यायालय ने पूर्व में संबंधित अस्पतालों को मेडिकल बोर्ड गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि गर्भपात से पीड़िता के स्वास्थ्य को कोई गंभीर खतरा नहीं है।

रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद न्यायालय ने अवकाश के बावजूद मामले की तात्कालिकता और संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष सुनवाई की। अदालत ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता को यह अधिकार होना चाहिए कि वह अपनी गर्भावस्था को लेकर स्वयं निर्णय ले सके।

अदालत ने यह भी निर्देशित किया कि गर्भपात की प्रक्रिया मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम, 1971 के तहत, दो पंजीकृत चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में कराई जाए। पीड़िता और उसके परिजनों को अस्पताल प्रशासन से समन्वय कर सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए हैं। न्यायालय का यह आदेश दुष्कर्म पीड़िताओं के अधिकारों की रक्षा, उनकी गरिमा तथा मानसिक और शारीरिक सुरक्षा की दिशा में एक अहम और मानवीय पहल माना जा रहा है।