सत युग, त्रेता, द्वापर और कलियुग का मंचन
अजमेर। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हिन्दू धर्म के कालखंड यानी चारों युगों का मंचन बुधवार को गुजराती सैकंडरी स्कूल के वार्षिकोत्सव ‘युग’ में अभिभावकों व दर्शकों को देखने को मिला। नैतिकता और आध्यात्मिकता के क्रमिक गिरावट को दर्शाते चारों युगों की एक विशिष्ट अवधि और सामान्य मानवीय स्थिति को नन्हें कलाकारों ने बखूबी प्रस्तुत किया।
नैतिकता, सत्य और आध्यात्मिता के उच्चतम मानकों द्वारा चिन्हित सत युग में
मानव शुद्ध, गुणी, ईमानदार, प्रकृति तथा एक दूसरे के साथ सदभाव में रहते थे, वे कोई अपराध या छल नहीं करते।
त्रेता युग में नैतिकता में थोडी गिरावट के साथ इच्छा, अहंकार और महत्वाकांक्षा का उदय हुआ लेकिन मनुष्य द्वरा ईश्वर से जुडने के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान और बलिदान की भी प्रबलता रही।
द्वापर युग में पतन, दुख और संघर्ष के उदय के साथ मनुष्य स्वभाव में संदेह, ईर्ष्या और संघर्ष और आध्यात्मिक विकास की तुलना में धन संचय पर अधिक ध्यान क्रेन्द्रित करने की वृति बढती गई।
कलियुग यानी वर्तमान युग, जो धर्म यानी सदाचार, अज्ञान और भौतिकवाद के सबसे निचले स्तर से चिन्हित है। मानव स्वभाव बेईमानी, भ्रष्टाचार और नैतिक पतन से भर गया, स्वार्थी के वशीभूत मानव आध्यात्मिक मूल्यों से विमुख हो गया।
सचिव राजेश अंबानी ने बताया कि वार्षिकोत्सव व पारितोषिक वितरण समारोह के मुख्य अतिथि उपमहापौर नीरज जैन रहे तथा अध्यक्षता अजयमेरू महानगर संघचालक खाजू लाल चौहान ने की। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, अनुशासन, रचनात्मकता और नेतृत्व के माध्यम से विद्यार्थियों के समग्र विकास के प्रति स्कूल की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।
वंदेमातरम गान, गणेश वन्दना, दीपप्रज्वलन और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से समारोह का शुभारंभ हुआ। इस दाैरान प्री-प्राइमरी उच्च माध्यमिक के विद्यार्थियों ने संगीतमय प्रस्तुतियों, नृत्यों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य अतिथि व अध्यक्ष ने शैक्षणिक, खेल एवं सह-पाठ्यचर्या क्षेत्रों में उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए। शैक्षणिक एवं सहशैक्षणिक गतिविधियों में अव्वल एवं बोर्ड स्तर व विद्यालय स्तर पर उच्च माध्यमिक व माध्यमिक में उत्कृष्ठ परिणाम लाने वाले विद्यार्थियों को 2100 व 1500 रुपए नकद राशि देकर प्रोत्साहित किया। प्रधानाचार्या सुनीता शर्मा ने शैक्षणिक वर्ष की उपलब्धियों पर वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इस समारोह में विद्यार्थियों ने स्वागत गीत के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम में चारों युगों का संगम, सत्युग-भगवान विष्णु के दसों अवतारों का दर्शन एवं सतयुग के राजा हरिशचन्द का दान, त्रेतायुग-राम का जीवन दर्शन व शबरी मिलन, द्वापर युग में कृष्ण लीला एवं सत्यभामा द्वारा कृष्ण को दांव पर लगाना व रूकमणी का प्रेम एवं कलयुग में कलकी अवतार द्वारा कलयुग का अन्त और सतयुग का प्रारम्भ की शानदार प्रस्तुति देकर अतिथियों एवं अभिभावकों का मनमोह लिया।
इससे पहले श्री गुजराती महामण्डल एवं विद्यालय प्रबंध समिति के पदाधिकारी ट्रस्टी अध्यक्ष चन्द्रकान्त भाई पटेल, विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष केएल शर्मा, विद्यालय प्रबंध समिति सचिव राजेश अंबानी, श्री गुजराती महामण्डल अध्यक्ष नितिन कुमार मेहता, मुकेश भाई पटेल, अतुल भाई मेहता तथा प्रधानाचार्या सुनीता शर्मा ने राजस्थानी परंपरा के अनुरूप अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों का परिचय केएल शर्मा ने कराया।
वर्तमान पीढी को देश का चितंन भी करना होगा
अध्यक्षता करते हुए खाजूलाल चौहान ने कहा कि वर्तमान पीढी देश की तकदीर लिखेगी। शिक्षा का क्षेत्र व्यापक रूप ले चुका है। किताबी ज्ञान के साथ साथ व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के मार्ग पर चलते हुए परिवार, समाज और देश का चितंन भी करना होगा। शिक्षा को सिर्फ धन कमाने का जरिया और सफलता का पैमाना ना माने, बल्कि देश को सशक्त, सक्षम, विकसित और गौरवशाली राष्ट्र बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढें। उन्होंने कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक सदभावना, प्लास्टिक के बहिष्कार तथा पानी का आवश्यक जितना ही व्यय करने का आवहान किया। उन्होंने कहा कि यहां प्रस्तुत सांस्कृतिक और उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि यह विद्यालय न केवल मेधावी छात्र तैयार कर रहा है, बल्कि उन्हें एक बेहतर इंसान भी बना रहा है। इसके लिए यह स्कूल संचालित करने वाला गुजराती समाज साधुवाद का अधिकारी है।
मुख्य अतिथि महापौर नीरज जैन ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए विद्यालय संचालन करने वाला गुजराती समाज और वे सभी शिक्षकों बधाई के हकदार हैं जिन्होंने इस भव्य कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की है।



