नई दिल्ली। निजी विमान सेवा कंपनी इंडिगो को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग से 458.26 करोड़ रुपए के जुर्माने का नोटिस मिला है। दिसंबर के पहले सप्ताह में बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करने के बाद कंपनी को केंद्रीय जीएसटी से जुड़ा यह दूसरा नोटिस है।
एयरलाइंस ने मंगलवार को शेयर बाजार को बताया कि उसे दक्षिणी दिल्ली कमीश्नरेट में केंद्रीय जीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त से 29 दिसंबर को यह नोटिस प्राप्त हुआ है। इसमें 4,58,26,16,980 रुपए का जीएसटी, ब्याज और जुर्माना भरने के लिए कहा गया है। यह मांग वित्त वर्ष 2018-19 से 2022-23 की अवधि के लिए है।
जीएसटी विभाग ने इस नोटिस में विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त मुआवजे पर जीएसटी के साथ ब्याज और जुर्माने की मांग की है। साथ ही कंपनी द्वारा लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट को भी अवैध बताया गया है।
एयरलाइंस ने पुख्ता विश्वास जताया है कि जीएसटी विभाग द्वारा जारी आदेश त्रुटिपूर्ण और कानून के खिलाफ है। उसने कहा है कि वह इसे चुनौती देगी और समुचित वैधानिक उपाय करेगी। कंपनी ने बताया है कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इसी तरह के एक नोटिस के खिलाफ उसने अपील की है।
इससे पहले, दक्षिणी दिल्ली कमीश्नरेट की तरफ से ही कंपनी को 11 दिसंबर को 58.75 करोड़ रुपए का जुर्माना भरने का नोटिस दिया गया था। नोटिस में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए एयरलाइंस से 58 करोड़ 74 लाख 99 हजार 439 रुपए का जुर्माना भरने के लिए कहा गया था।



