लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी को एक चुनावी रैली के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से रविवार को अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस संबंध में प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने आज अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के अनुसार अब्बास अंसारी को 31 मई से अयोग्य माना जाएगा और मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है।
अब्बास अंसारी माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा है। यह 2022 के चुनावों में मऊ सीट से जीता था, जब सुभासपा ने समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन किया था। गौरतलब है कि अब्बास अंसारी को एक चुनावी रैली के दौरान भड़काऊ भाषण मामले में मऊ जिले की एक विशेष अदालत ने दो साल की कैद और 11,000 रुपये के जुर्माने की सजा शनिवार को सुनाई थी।
न्यायाधीश डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह की एमपी-एमएलए कोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे और उसके सहयोगी मंसूर अंसारी को दोषी करार दिया। दोषी पाए जाने के बाद पुलिस ने दोनों लोगों को हिरासत में ले लिया। विधायक को विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए दो वर्ष के कारावास और विभिन्न धाराओं की कुल राशि में 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। विधायक अब्बास अंसारी के चुनाव एजेंट और सहयोगी मंसूर अंसारी को भी 6 माह के कारावास और 1000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई।
विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी 3 मार्च 2022 की शाम नगर क्षेत्र के पहाड़पुरा मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि चुनाव के बाद जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को रोका जाएगा और सबक सिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद किसी का तबादला नहीं किया जाएगा। सभी को यहीं रखा जाएगा और हिसाब-किताब किया जाएगा। इस मामले का संज्ञान लेते हुए उपनिरीक्षक गंगाराम बिंद की तहरीर पर नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपी बनाया गया था।