रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाल ही में दुर्ग रेलवे स्टेशन में धर्मांतरण और ह्यूमन ट्रैफिकिंग मामले में दो नन समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी की घटना के बाद सियासी पारा रायपुर से लेकर दिल्ली तक गर्म हो गया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने आज संसद के मानसून सत्र के दौरान इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी पर सवाल उठते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी है तो वहीं संसद में भी इस मामले की गूंज सुनाई दी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया। यह न्याय नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी-आरएसएस का भीड़तंत्र है। यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है। ये भाजपा के शासन में अल्पसंख्यकों का सिस्टेमैटिक उत्पीड़न है। यही नहीं विपक्षी सांसदों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया। हम चुप नहीं बैठेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है। हम ननों की तत्काल रिहाई और इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं।
इधर, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इस मामले में अपनी टिप्पणी करते हुए लिखा कि मैं 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई घटना की निंदा करती हूं। दो ईसाई ननों-सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति को बिना किसी कानूनी आधार के हिरासत में लिया गया। उन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के झूठे आरोप लगाए गए हैं। ये अल्पसंख्यक अधिकारों पर एक गंभीर हमला है।
प्रियंका गांधी ने आगे यह भी लिखा यह केवल एक मामला नहीं है। भाजपा शासन में अल्पसंख्यकों को सिस्टेमैटिक रूप से परेशान और बदनाम किया जा रहा है। भीड़ द्वारा न्याय और सांप्रदायिक निशाना बनाने का हमारे लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। कानून का शासन कायम रहना चाहिए। इस संबंध में कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर इस मामले में बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी अब इस मामले में सरकार से निष्पक्ष ढंग से जांच की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार धर्मांतरण के नाम पर राजनीति कर रही है उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इसे राजनीतिक एजेंडा बनाने का काम कर रही है।
वहीं भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने एक बयान में कहा कि इस मामले में कांग्रेस की राजनीति बेहद आपत्तिजनक है। तुष्टीकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ,वेणु गोपाल और सारे कांग्रेस के नेता बस्तर की बेटियों की तस्करी के आरोपियों के पक्ष में खड़े है और तो और छत्तीसगढ़ कांग्रेस जिसे अपने छत्तीसगढ़ की बच्चियों के साथ खड़ा होना था वह भी अपने आकाओं के सुर में सुर मिला रहे हैं एक बार फिर से प्रमाणित हो गया है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के नेता अपने आकाओं के निर्देशों का ही पालन करेंगे, छत्तीसगढ़ की जनता से उनका कोई मतलब नहीं है। छत्तीसगढ़ की बेटियां उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगी। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार छत्तीसगढ़ की बेटियों की सुरक्षा के लिए संकल्पित है।
गौरतलब है कि प्रदेश के दुर्ग में बीते 25 जुलाई को खबर मिली कि तीन आदिवासी युवतियों को कहीं ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही रेलवे स्टेशन में बजरंग दल के लोगों ने जमकर बवाल किया था। जिसके बाद दो मिशनरी सिस्टर (नन) और एक युवक पर तीन आदिवासी युवतियों को उत्तर प्रदेश के आगरा में काम दिलाने के बहाने बेचने ले जाने का आरोप लगा और फिर उन्हें हिरासत में लिया गया था मामले में भिलाई थाना-3 के दुर्ग जीआरपी चौकी ने कार्रवाई की थी।
इस मामले में पुलिस से जो जानकारी मिली उसके मुताबिक नारायणपुर की युवतियों को आगरा ले जाने वालों का नाम सुखमन मंडावी और मिशनरी सिस्टर प्रीति और वंदना है। ये तीनों लोग कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति नाम की युवती को आगरा लेकर जा रहे थे, जिन्हें बजरंग दल ने पकड़ा है। पकड़े गए मिशनरी सिस्टर और युवक के पास पादरी का नंबर और सात नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें भी मिली थी साथ ही कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए थे।