माता-पिता की सेवा से होता है सब कष्टों का निवारण : संत उत्तमराम शास्त्री

 महापुराण कथा गणेश महोत्सव मनाया

अजमेर l संसार में किसी भी शुभ कार्य के होने से पूर्व श्री गणेश जी महाराज का पूजन और वंदन किया जाता है ताकि सभी कार्य शुभ मंगलमय में हो जाते हैं क्योंकि भगवान गणेश बुद्धिमान है एवं प्रथम वंदनीय है।

उक्त वाक्य ग्रीन कॉलोनी में आयोजित शिव महापुराण कथा के दौरान शिव पार्वती और गणेश प्रसंग पर कथा करते हुए रामस्नेही संप्रदाय के भागवत भूषण युवा संत उत्तम राम शास्त्री ने कहे। उन्होंने कहां की जब भगवान शिव ने गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया तब मां पार्वती विलाप करने लगी और भगवान शंकर से विनय करने लगी तब भगवान शंकर ने अपनी माया से धड़ पर हाथी का सिर लगाया और कहा कि आज से इस संसार में यह गजानंद के नाम से पूजा जाएगा। सुंदर बालक को देखकर मां पार्वती बड़ी प्रसन्न हुई इस दौरान भगवान शिव ने बालक को गले से लगाया मां पार्वती ने गजानन का श्रृंगार किया।

भगवान शिव ने कहा हर कार्य में गणेश का प्रथम पूजन होगा सभी देवताओं में सबसे अग्रणी श्री गणेश होंगे भगवान गजानंद जी ने जब मां पार्वती और शिव का आसन लगाकर उनकी परिक्रमा की तब भगवान शंकर ने कहा जिस भी घर में माता-पिता बड़े बुजुर्गों का सम्मान नहीं होगा भाई बहनों में स्नेह नहीं होगा तो भगवान गणेश की पूजा सफल नहीं होगी। तभी से इस संसार में माता-पिता को संसार का देवता माना गया है कि बिना माता-पिता के इस संसार में कोई भी नहीं आ सकता। उनकी पत्नियों के नाम रिद्धि और सिद्धि हैंl गणेश चतुर्थी एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

उनका वाहन मूषक (चूहा) है। उन्हें गणपति,  विनायक,  एकदंत, और विघ्नहर्ता जैसे नामों से भी जाना जाता है। भगवान गणेश रिद्धि सिद्धि और बुद्धि के दायक है इसलिए भगवान गजानन की पूजा अर्चना बहुत जरूरी है। भगवान गणेश के जन्म पर संसार के सभी देवी देवता बड़े प्रसन्न हुए। सभी देवताओं में अग्रणीय भगवान गणेश का वंदन किया इस दौरान भगवान गणेश के विवाह की मनोहर झांकी सजाई गई l इस दौरान भजन गायको ने एक से भजन की प्रस्तुति देकर माहौल को भक्ति में कर दिया। कथा आयोजन परिवार के प्रेम सिंह चौहान में सीमा कंवर परिवार ने आरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया।