लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गैरमुस्लिम लड़कियों को बहला फुसला कर किए जा रहे धर्मांतरण के खिलाफ सिख व सिंधी समाज के लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया है। समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह के कुत्सित प्रयास करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों ने कहा कि धर्मांतरण की साजिश रचने वाले अपराधियों को फांसी सजा मिलनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सिख प्रतिनिधि व गुरुगोविंद सिंह सेवा समिति के सचिव परबिंदर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण की खबरें सामने आई हैं वह दुखद है। झिंगुर बाबा जो कि बड़े पैमाने पर गैर मुस्लिम लड़कियों के धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार हुआ है, ऐसे लोगों की सजा फांसी के कम नहीं होनी चाहिए। धर्मांतरण के लिए बहन बेटियों का मूल्य तय करना इनकी घिनौनी सोच को दर्शाता है, इस तरह के कृत्य में जो भी लोग शामिल हैं ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि लड़कियों को पैसा देकर बहला फुसला कर किए जा रहे धर्मांतरण सिख समुदाय के खिलाफ बड़ी साजिश है। उन्होने योगी से अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोग जो विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर इस तरह के कार्य कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि गुरुनानक से लेकर गुरु गोविंद सिंह तक, सिख पंथ ने कभी धर्म नहीं बदला, बल्कि धर्म की रक्षा की है।
गुरुद्वारा पटेलनगर के हेड ग्रंथी ज्ञानी भगत सिंह ने कहा कि आज उनके अनुयायियों को लालच, भय या छल से धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा है, ये अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हालिया मामलों में सिख समुदाय के सदस्यों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए निशाना बनाया गया। यह केवल धार्मिक आज़ादी पर हमला नहीं, बल्कि सिख अस्मिता का अपमान है। धर्मांतरण कोई व्यक्तिगत मामला नहीं ये राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है। यह संगठित और सुनियोजित अभियान है, जिसमें विदेशी फंडिंग और कट्टरपंथी संगठन संलिप्त हैं। सिख समाज के खिलाफ धर्मांतरण की साजिश पर अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सिंधी समाज ने जमकर आक्रोश व्यक्ति किया। सिंधी नेता नानक चंद लखमानी कहा कि सिंधी समाज के खिलाफ धर्मांतरण की साजिश अब और सहन नहीं किया जाएगा। सिंधी समाज की बहन बेटियों को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। सिंधी समाज के मासूम युवाओं, खासकर बहन-बेटियों को धर्मांतरण के जाल में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। वहीं किशन चंद्र तनवानी ने कहा कि यह केवल धार्मिक आज़ादी पर हमला नहीं, बल्कि सिंधी संस्कृति और पहचान को मिटाने की कोशिश है। धर्मांतरण के लिए रेट तय करना घिनौना और अमानवीय कृत्य है।
सिंधी समाज के लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि धर्म को लेकर बाजारू सौदेबाज़ी और बेटियों को फांसने की दर तय करना, इस षड्यंत्र की नीच सोच और मानसिकता को उजागर करता है। यह एक नया आतंकवाद है जो बंदूक से नहीं, छल और धोखे से काम कर रहा है। लोगों ने सीएम योगी से अपील करते हुए कहा कि ऐसे राष्ट्रविरोधी धर्मांतरण माफियाओं को सिर्फ जेल नहीं, सीधे फांसी दी जाए।