पश्चिम बंगाल में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 7 की मौत, 7 घायल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर में रविवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से कम से कम सात लोगों की जलकर मौत हो गई तथा सात अन्य लोग बुरी तरह झुलस गए।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विस्फोट सुबह करीब साढ़े दस बजे दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के नीलगंज-मोशपोल के आवासीय इलाके में हुआ। विस्फोट से घर में आग लग गई। घटना में सात लोगों की मौत हो गई। वहीं बुरी तरह झुलसे लोगों को इलाज के लिए बरसात अस्पताल में भर्ती कराया गया। विस्फोट में आसपास के कई घरों को नुकसान पहुंचा है।

डॉक्टरों ने बताया कि जख्मी हुए लोगों को बरसात सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि छह लोगों के शवों को अस्पताल में लगाया था और बाद में इलाज के दौरान जख्मी हुए आठ लोगों में से एक की मौत हो गई।

गंभीर रूप से जख्मी हुए लोगों में से एक की पहचान शम्सुल हक के रूप में हुई है, जिसे गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराय गया है। बताया जा रहा है कि हक ने मकान किराए पर लिया था और वह दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के घनी आबादी वाले नीलगंज मोशपोल इलाके में बिना लाइसेंस के चल रही पटाखा फैक्ट्री का मालिक है।

वहीं गैर आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हुई है, जबकि पांच अन्य लोग झुलस गए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक विस्फोट दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के नीलगंज-मोशपोल के आवासीय इलाके में सुबह करीब साढ़े दस बजे बजे हुआ। इसके कारण दो मंजिला घर जमींदोज हो गया और आसपास के कुछ अन्य आवास क्षतिग्रस्त हो गए।

बताया जा रहा है कि घर का मालिक अज़ुइबुर रहमान गिरफ्तारी से बचने और स्थानीय लोगों के गुस्से से बचने के लिए तुरंत घटनास्थल से भाग गया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने घने आवासीय इलाके में पटाखा फैक्ट्री को लेकर की गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि पटाखों से भरे सैकड़ों बोरों में चॉकलेट बम (एक प्रतिबंधित वस्तु) एक अन्य गोदाम में पाए गए हैं। राहत की बात यह है कि इस गोदाम में कोई हादसा नहीं हुआ।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विस्फोट से आग की लपटें नहीं उठीं, लेकिन पूरा इलाका घने काले धुएं से ढंक गया। उन्होंने कहा कि विस्फोट तब हुआ होगा, जब अवैध फैक्ट्री के कर्मचारी छत पर पटाखे सुखा रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकांश श्रमिक मुर्शिदाबाद जिले के थे।

इस घटना के बाद जब सैकड़ों स्थानीय लोग एकत्र हुए और अवैध पटाखा फैक्ट्री के के बारे में उनकी शिकायतों पर ध्यान न देने के लिए तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और प्रशासन की कथित विफलता के खिलाफ आंदोलन शुरू किया, तो मौके पर पुलिस बल को भेजा गया।

मलबे के कंक्रीट से हेलमेट, रासायनिक बोतलें, मापने के उपकरण और विस्फोटक बरामद किए गए। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी नेता समिक भट्टाचार्य ने विस्फोट की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की है।