चेन्नई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया, खासकर द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में किए गए दावों को खारिज करते हुए, उन्हें चुनौती दी है कि वे कम से कम एक भी तस्वीर पेश करें जिससे साबित हो सके कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारत को नुकसान हुआ है।
डोभाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह को शुक्रवार को संबोधित करते हुए पश्चिमी मीडिया के बयान को चुनौती दी और कहा कि विदेशी मीडिया ने लिखा है कि पाकिस्तान ने ऐसा किया-वैसा किया। आप मुझे भारतीय पक्ष में हुए नुकसान की एक भी ऐसी तस्वीर या फोटो दिखाइये, जिसमें एक शीशा ही टूटा हो।
उन्होंने कहा कि क्या वे 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के 13 एयरबेसों की तस्वीरें ले जाएंगे, चाहे वे सरगोदा हो, रहीम यार खान हो या रावलपिंडी का चकलाला हो। आजकल ये तस्वीरें दुनिया भर के उपग्रहों से ली जाती हैं। क्या किसी तस्वीर में भारत की तरफ़ कोई नुकसान दिखा है? हमने उनके 13 एयरबेसों पर हमला किया, जिसमें भोलारी का एयरबेस भी शामिल है, जहां उनकी ‘अवाक्स’ नियंत्रण प्रणाली हैं। हमने उनके 13 महत्वपूर्ण एयरबेसों पर हमला किया और उसके अलावा किसी और पर नहीं। यह सटीक और निशाने पर था।
डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर को बहुत ही सटीक और अल्प अवधि का अभियान बताते हुए इसे पिछले 40 वर्षों में अभूतपूर्व करार दिया। उन्होंने कहा कि पूरा ऑपरेशन एक बजकर पांच मिनट पर शुरू हुआ और एक बजकर 28 मिनट पर मात्र 23 मिनट में समाप्त हो गया। हम ऐसा करने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ठिकानों की पहचान की, जो देश के भीतर थे जिन पर बहुत सटीकता के साथ हमला किया गया और दूसरे स्थानों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की प्रभावशीलता का जिक्र करते हुए कहा कि हमें इस बात की पूरी जानकारी थी कि कौन कहां हैं और यह हमला सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों पर ही किया गया। यह एक बहुत ही सुनियोजित अभियान था और इसकी वास्तविक कहानी उपग्रहों से प्राप्त चित्र बताने में सक्षम हैं।
डोभाल के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर स्वदेशी रूप से विकसित सैन्य हार्डवेयर और हथियारों की तैनाती में एक महत्वपूर्ण अभियान साबित हुआ। उन्होंने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि देश अपनी संचार प्रणालियों को पूरी तरह से स्वदेशी बनाएगा क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक क्रांतिकारी पहल बताते हुए विदेशों पर प्रौद्योगिकियों संबंधी निर्भरता छोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि चीन ने 300 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश करके 5जी विकसित करने में 12 साल लगा दिए। हमारे पास हालांकि समय या पैसा नहीं है, फिर भी हमने केवल ढाई साल में स्वदेशी विकल्प विकसित कर लिया है और इसके लिए हम अपने निजी क्षेत्र के बहुत आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि हमने बहुत कुछ सहा है। हमारे पूर्वजों ने कष्ट सहे हैं। आप एक ऐसी सभ्यता, एक ऐसे देश से ताल्लुक रखते हैं, जिसने हज़ारों वर्षों में कई बार रक्तपात और अपमान झेला है। हमारे पूर्वजों ने सभ्यता और राष्ट्र के विचार को बनाए रखने के लिए अपमान और कष्ट सहे हैं।