बिहार : नाबालिग से रेप मामले में दोषी को 20 साल की सजा

पटना। बिहार में पटना स्थित बच्चों का लैंगिक अपराध से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की एक विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आज दोषी को 20 वर्षों के सश्रम कारावास के साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (षष्ठम) सह विशेष न्यायाधीश कमलेश चंद्र मिश्रा ने मामले में सुनवाई के बाद पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र स्थित पूर्वी लोहानीपुर के रेलवे हंटर रोड मुहल्ला निवासी ज्ञान विष्णु को पॉक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को दो माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। इसके अलावा अदालत ने पीड़िता को चार लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दिया है।

मामले के विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि दोषी ने वर्ष 2020 में एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था, जिससे वह गर्भवती हो गई थी। दोषी पर बनाए गए वीडियो को वायरल करने की धमकी भी दिए जाने का आरोप था। अभियोजन ने आरोप साबित करने के लिए अदालत में पांच गवाहों का बयान कलमबंद करवाया था।

अस्मत लूटने वाले को 10 वर्षों के कठोर कैद की सजा

पटना व्यवहार न्यायालय स्थित बच्चों का लैंगिक अपराध से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की एक विशेष अदालत ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म मामले में दोषी को 10 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा के साथ 28 हजार रुपए का जुर्माना भी किया।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सप्तम) सह विशेष न्यायाधीश योगेश शरण त्रिपाठी ने मामले में सुनवाई के बाद पटना जिला स्थित मसौढ़ी के भगवानगंज थाना क्षेत्र के बिंदोली गांव निवासी कारू यादव को भारतीय दंड विधान और पॉक्सो अधिनियम की अलग अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।

जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को छह माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। इसके अलावा अदालत ने पीड़िता को चार लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश पटना जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दिया है।

मामले के विशेष लोक अभियोजक मोहम्मद गयासुद्दीन ने बताया कि वर्ष 2018 में दोषी ने भगवानगंज थाना क्षेत्र से एक 13 वर्षीय बालिका का अपहरण कर हैदराबाद एवं अन्य जगह ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। अभियोजन ने आरोप साबित करने के लिए अदालत में पांच गवाहों का बयान कलमबंद करवाया था।