कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने एक पूर्व छात्र और दो नियमित छात्रों को गिरफ्तार किया है।
यह घटना कस्बा स्थित कॉलेज परिसर में 25 जून को शाम 7:30 से रात 10:50 बजे के बीच हुई है। आरोपियों को गुरुवार को अलीपुर अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने 14 दिन की हिरासत मांगी। हालांकि, अदालत ने उन्हें अगले मंगलवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने आरोपियों के नाम या पहचान का खुलासा नहीं किया है। युवती की शिकायत के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें से एक इसी कॉलेज का पूर्व छात्र है और दो नियमित छात्र हैं।
शिकायत के बाद पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया। पुलिस ने गवाहों के बयान भी दर्ज किये और घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटनास्थल की घेराबंदी कर दी गयी है और पर्याप्त सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। घटनास्थल से फोरेंसिक नमूने एकत्र किए जाने हैं। दो आरोपियों को बुधवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने पूछताछ के बाद तीसरे आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार किया है। उनके मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं। उन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पूरा दोष पुलिस का है क्योंकि कोलकाता पुलिस को रथ यात्रा के लिए दीघा भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपना पद छोड़ देना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक पोस्ट में इस घटना को भयानक बताया। उन्होंने कहा कि यह अपराध एक पूर्व छात्र और दो कॉलेज छात्रों ने किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का एक सदस्य भी शामिल है। आरजी कर अस्पताल की घटना का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि बंगाल में महिलाओं पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार ने राज्य को महिलाओं के लिए भयावह जगह बना दिया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि आरजी कर की घटना के बाद, एक बार फिर शहर के बीचों-बीच एक कॉलेज परिसर में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। अगर महिलाएं शैक्षणिक संस्थानों या कार्यस्थलों पर सुरक्षित नहीं हैं, तो यह राज्य में कानून-व्यवस्था के पूरी तरह से ध्वस्त होने को दर्शाता है। दुष्कर्मियों के लिए सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।