परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-सिरोही। बहुत लंबे इंतजार के बाद सिरोही भाजपा की जिला कार्यकारिणी की घोषणा हो गई। जिला संगठन में अपनी जगह बनाने को आतुर कई नेताओं को निराशा हाथ लगी। जिला कार्यकारिणी में संख्यात्मक रूप से कई खामियों की चर्चा भाजपा में शुरू हो गई है लेकिन एक जो पैटर्न नजर आया उसे देखकर भाजपा नेता इसे सिर्फ सिरोही विधानसभा की तरफ ही ध्यान देने या वहां से दावेदारी के लिए लॉबिंग की तैयारी के रूप में देख रहे हैं। जिला कार्यकारिणी के 35 लोगों में क्षेत्रवार जो सिलेक्शन का पैटर्न दिखे रहा है उसे देखकर कार्यकर्ताओं में ये चर्चा है।
-सिरोही विधानसभा के आधे भी दूसरी विधानसभा में नहीं
प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की सहमति से जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी ने शनिवार को अपनी कार्यकारिणी की घोषणा की। इसमें 35 पदाधिकारियों को जगह दी। 35 में से 20 अकेले सिरोही विधानसभा के ही हैं। इनमें अध्यक्ष के अलावा 5 उपाध्यक्ष, एक महामंत्री, 4 मंत्री, सह कोषाध्यक्ष, पांच में से चार प्रवक्ता, जिला मीडिया प्रभारी, सोशल मीडिया प्रभारी, कार्यालय प्रभारी और आईटी विभाग प्रभारी शामिल हैं।
– तो किसके पक्ष में रहेगी ये गणित
35 लोगों की कार्यकारिणी में सिरोही विधानसभा के 20, रेवदर से 7 और आबू-पिंडवाड़ा विधानसभा से 8 लोगों को इस कार्यकारिणी में जगह दी गई है। इस कारण भाजपा के असंतुष्ट धड़ा इसे आगामी विधानसभा चुनावों में सिरोही विधानसभा की दावेदारी की बिसात के रूप में देख रहा है। अगर ये संख्या का गणित ओटाराम देवासी की लॉबिंग के लिए है और उनके समर्थक इसमें ज्यादा हैं तो फिर ये बिसात उनके लिए है। लेकिन, खुद देवासी समाज इस कार्यकारिणी में संख्या के लिहाज से उनकी अनदेखी करने का आरोप लगा रहा है।
भाजपा में चल रही चकल्लस के अनुसार इस कार्यकारणी में सिरोही विधानसभा को ज्यादा तवज्जो देने से दूसरी दावेदारी जिस भाजपा नेता की मानी जा रही है वो खुद जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी की है। ये चर्चा भी कुछ नई नहीं है। यूं रक्षा भंडारी को महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष और महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद से ही 2023 में टिकिट का दावेदार माना जा रहा था। पिछले दो दशकों से हमेशा जिला कार्यकरिणी गठित होने पर जिलाध्यक्षों के द्वारा अपने पक्ष में विधानसभा के टिकिट की लॉबिंग की तैयारी यूं भी माना जाता रहा है। सांसद लुंबाराम चौधरी के अपने करीबियों के पक्ष में लॉबी के रूप में भी भाजपा में देखा जा रहा है।
– क्या रहा है सिरोही विधानसभा का ट्रैक रिकार्ड
पिछले ढाई दशकों से सिरोही विधानसभा के ट्रैक रिकार्ड देखा जाए तो यहां पर भाजपा ने जिलाध्यक्षों पर कभी दांव नहीं लगाया है। इक्कीसवीं शताब्दी के शुरू में जिलाध्यक्ष थे कमलेश दावे 2003, 2008 और 2013 के चुनाव तक अपनी दावेदारी पेश करते रहे। इन्हें टिकिट नहीं मिला। 2008 में जिलाध्यक्ष रहे विनोद परसरामपुरिया अब तक जिले में भाजपा के सभी दबंग और आर्थिक रूप से सक्षम जिलाध्यक्ष माने जाते रहे। 2008 में उनकी दावेदारी तय मानी जा रही थी। लेकिन, तब तारा भंडारी, कमलेश दवे और विनोद परसरामपुरिया को किनारे करके भाजपा ने ओटाराम देवासी को टिकिट दे दिया।
इनके बाद नारायण पुरोहित और फिर लुंबाराम चौधरी जिलाध्यक्ष बने। 2013 से लेकर 2023 के चुनावों तक ये दोनों भी सिरोही विधानसभा के टिकिट के दावेदारों में सभी आगे थे। इन सबने अपने द्वारा गठित कार्यकारिणी को टिकिट लेने का प्रयास और गुटबाजी के लिए इस्तेमाल करने का आरोप झेला। संगठन में अब ये ही दावे और आरोप रक्षा भंडारी के द्वारा गठित कार्यकारिणी के बाद उनके लिए किए जा रहे हैं।
एक चौथाई शताब्दी में भाजपा ने किसी भी जिलाध्यक्ष को सिरोही विधानसभा से टिकिट नहीं दिया। इसके पीछे की जो वजह सिरोही विधानसभा में आने वाले पर्यवेक्षक बताते रहे वो ये थी कि जिलाध्यक्ष द्वारा कार्यकरिणी घोषित किए जाने के साथ से ही उनके खिलाफ संगठन में ही एंटी इनकंबेंसी शुरू हो जाती है। इनकी दलील रहती है कि संगठन के लिहाज से फैली ये एंटी इंकम्बेंसी मतदाताओं में फैली एंटी इंकम्बेंसी से भी ज्यादा खतरनाक होती है क्योंकि इसमें संगठन के अंदर से ही भीतरघात होने की संभावना खड़ी हो जाती है।
– कौन किस विधानसभा से
सिरोही विधानसभा (20) : जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी, उपाध्यक्ष ताराराम माली, छगन घांची,नारायण देवासी, नरपत सिंह राडबर व हेमलता पुरोहित, महामंत्री गणपतसिंह राठौड़, मंत्री पद पर मनोनित नैनसिंह राजपुरोहित, सविता परमार, हरजीराम चौधरी और ललिता कुंवर देवड़ा, सह कोषाध्यक्ष हंसराज पुरोहित, प्रवक्ता लोकेश खंडेलवाल, गोपाल माली, परमवीर सिंह उड़ व राजू सोलंकी, मीडिया प्रभारी रोहित खत्री, सोशल मीडिया प्रभारी, कार्यालय मंत्री बाबूसिंह पंवार तथा आईटी विभाग प्रभारी हितेंद्र ओझा।
पिंडवाड़ा- आबू विधानसभा (8): उपाध्यक्ष दुर्गाराम गरासिया, महामंत्री नरपत सिंह व रामलाल रानौरा, मंत्री पवन राठौड़, श्रीमती गीता अग्रवाल व जीतू प्रजापत, कोषाध्यक्ष नितिन बंसल तथा सह कार्यालय मंत्री जैताराम चौधरी।
रेवदर विधानसभा (7): उपाध्यक्ष प्रकाश राज रावल व श्रीमती दुर्गेश शर्मा, मंत्री अमराराम मेघवाल, प्रवक्ता दीपेंद्र सिंह, सह मीडिया प्रभारी गणपत सिंह निंबोड़ा, सह सोशल मीडिया प्रभारी रितेश सिंह तथा सह आईटी विभाग प्रभारी श्रीमती नीलम राणा।