अगरतला। त्रिपुरा पुलिस ने दो दिन पहले मिर्जा इलाके में एक गृहिणी को जिंदा जलाने के मामले में सभी पांच आरोपियों को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक गोमती जिले के उदयपुर के काकराबन से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक का भतीजा है।
मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस को जारी चेतावनी के तुरंत बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के भाजपा से जुड़े होने की वजह से इस संबंध में शिकायत दर्ज कराए जाने के एक दिन बाद भी पुलिस कार्रवाई करने से हिचकिचा रही थी। जब विपक्षी दल कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और मुख्यमंत्री का ध्यान इस घटना की ओर आकर्षित किया, तो एक ऑन-ड्यूटी पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
साहा को धन्यवाद देते हुए कांग्रेस विधायक सुदीप रॉयबर्मन ने रविवार को कहा कि अपराधियों का कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं होता है। लेकिन 2018 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद बिप्लब कुमार देब सभी अपराधियों और असामाजिक तत्वों को भाजपा में ले आए जो अभी भी सक्रिय हैं। ऐसे तत्व लगातार कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने और मुख्यमंत्री को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि में खुशी है कि मुख्यमंत्री ने अपनी ही पार्टी के विधायक जितेंद्र मजूमदार के भतीजे समेत सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, लेकिन अब भाजपा का एक और समूह पुलिस पर दबाव डाल रहा है कि वह भारतीय न्याय संहिता की कमजोर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले को कमजोर करे, ताकि सभी आरोपियों को जमानत मिल सके। हम पुलिस पर भी कड़ी नज़र रख रहे हैं और अगर कुछ भी गलत हुआ तो कांग्रेस राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।
गौरतलब है कि अंजलि सरकार का शुक्रवार को जला हुआ शव मिला था। अब इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिसकर्मी के निलंबन ने राज्य में राजनीतिक सरगर्मियों को बढ़ा दिया है। गोमती जिले की गृहिणी के मामले में पुलिस ने शनिवार शाम को तेजी से कार्रवाई करते हुए मामले के सिलसिले में पाँच लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों में अनुपम मजूमदार उर्फ मन्ना भी शामिल है, जो मौजूदा भाजपा विधायक जितेंद्र मजूमदार का भतीजा है। गोमती के पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कुमार ने गिरफ्तारियों की पुष्टि की और आश्वासन दिया कि जांच कई दृष्टिकोण से की जा रही है।
उन्होंने कहा कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए महिला की पिछले समय से दी गई धमकियों की शिकायतों सहित सभी सुरागों की सावधानीपूर्वक जांच की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार अंजलि सरकार और उनके पति पंकज सरकार ने इस घटना से कुछ दिन पहले 18 सितंबर की रात को पुलिस से संपर्क किया था।
उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी कि मन्ना ने दो सहयोगियों के साथ मिलकर पिछली दुश्मनी के चलते मिर्जा बाजार में उनकी दुकान में उन्हें धमकाया था। मृतका के पति पंकज सरकार ने सीधे तौर पर कई लोगों पर अपराध में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने मन्ना, किंकर दास, लिटन दास, दीप्तनु दास और आकाश सरकार का नाम अपनी पत्नी की हत्या में शामिल बताया।