नसीराबाद। बाघसुरी ग्राम पंचायत के निकटवर्ती ग्राम बुधपुरा (पाबूथान) में सोमवार को पाबूजी महाराज का विशाल मेला भरा। सुबह बारिश के बावजूद गांव में दुकाने सज गईं। दूर दराज से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया। दिन में बारिश थमने के बाद मेला परवान चढा और शाम ढलते ढलते मेले की रौनक बढती गई।
मेले के एक दिन पूर्व भजन संध्या का आयोजन रखा गया। इससे पहले गांव की ओर से देर शाम मंदिर में झंडा चढाया गया। मंदिर के सेवा पुजारी नरपत सिंह ने विधि विधान से पूजा अर्चना कराई। पाबूजी को ऊंटों का देवता, गौ रक्षक, धर्म रक्षक, वचन पालक भी माना जाता है। पाबूजी महाराज रेबारी समाज के भी आराध्य हैं। राजस्थान और गुजरात से लेकर अमरकोट तक उनकी मान्यता है।
राजस्थान में पाबूजी को भी लोक देवता और पांच पीरों में से एक माना जाता है। पाबूजी राठौर राजवंश धांधल जी के पुत्र थे और उनको लक्ष्मण का अवतार भी माना जाता है। पाबूजी का जन्म जोधपुर के फलौदी के निकट कोलू गांव में हुआ था, वहां कोलूमंड में भी इनका बड़ा मेला भरता है। उनके पिता यहां के शासक थे। इनका विवाह अमरकोट के सोडा राजपूत सूरजमल के यहां तय हुआ था। अपनी शादी में देवल चारणी देवी की घोड़ी केसर कालवी ले गए थे। केसर घोड़ी की सुंदर बनती थी। घोड़ी देने पर गायों रक्षा का वचन लिया था।
मान्यता है कि बीच फेरों के दौरान ही जिंदराव खींची के चारणी देवी की गायों ले जाने पर सूचना मिलने पर आधे फेरे में ही गायों को बचाने के लिए वहां से निकल पड़े इस लड़ाई में गायों को तो बचा लिया गया, लेकिन देचू के निकट घमासान युद्ध में पाबूजी सहित बड़े भाई और मित्र वीरगति को प्राप्त हुए। उनके साथ उनके बड़े भाई बूडोजी और उनके प्रिय मित्र चंदा और डामा भी वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी पत्नी से सूप्यार दे उनके साथ ही सती हुई थी।
बुधपुरा में यह पाबूजी महाराज का दूसरा मेला है। यहां पानी जरिया का झाडा भी लगाया जाता है। बुधपुरा में ग्रामीणों द्वारा पाबूजी की मूर्ति स्थापना के बाद राठौर की कुलदेवी की मूर्ति स्थापना बाड़मेर नागाणा मंदिर से ज्योत लाकर माता नागणेचा की मूर्ति स्थापित की गई।
मेले में झंडा लाने वाले सभी यात्रियों का मुख्य पुजारी नरपत सिंह के निर्देश अनुसार स्वागत किया गया। मेला कमेटी के सदस्य व्यवस्थाओं को बेहतरीन तरीके से संभाले रहे। आसपास के गांव बनेवडा, बाघसुरी, न्यारा, बुबानिया, मोहनपुरा, नाहरपुरा, केरिया, चावंडिया से भी मेले में झंडा चढाया गया। बनेवडा गांव की ओर से चढाए गए झंडे के दौरान कालू गिरी, योगेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह, शेर सिंह, राजेंद्र सिंह, सुखराज सिंह आदि मौजूद रहे।