रमेश ईनाणी हत्याकांड : संदिग्ध आरोपी संत रमताराम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) अटल सिंह चापावत ने बहुचर्चित रमेश ईनाणी हत्या के मामले में संदिग्ध आरोपी रामस्नेही संत रमताराम की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।

शहर में पिछले महीने 12 नवम्बर को कुरियर व्यवसायी रमेश ईनाणी की हत्या के मामले में पुलिस जांच में स्थानीय रामद्वारा के संत रमताराम की भूमिका सामने आई थी। इस पर रमताराम भूमिगत हो गया और पिछले शुक्रवार को उसने अपने अधिवक्ता अरविन्द व्यास के जरिये अग्रिम जमानत याचिका लगाई, जिस पर न्यायालय ने मंगलवार को एक घंटे पक्ष विपक्ष की दलीलें सुनी। न्यायाधीश चापावत ने पुलिस की जांच रिपोर्ट का अध्ययन करके उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

इससे पहले लोक अभियोजक पुष्पेंद्र ओझा ने रमताराम के अधिवक्ता अरविन्द व्यास के तर्कों को खारिज करते हुए पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर कहा कि शूटर गिरफ्तार मनीष दुबे वर्ष 2022 से रमताराम और सिरोही के संत भजनाराम के सम्पर्क में था। दो वर्ष पहले भी शूटर ने ईनाणी पर गोली चलाई थी, लेकिन तब वह बच गए थे। इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।

हालांकि अब तक पुलिस जांच में इस हत्याकांड में केवल शूटर बनारस निवासी मनीष दुबे ही आरोपी है। रमताराम और भजनाराम के मुख्य साजिशकर्ता होना जांच में पाए जाने के बाद पुलिस दोनों को तलाश ही रही थी कि रमताराम ने अग्रिम जमानत याचिका यहां लगाने के साथ अपनी गिरफ्तारी एवं प्राथमिकी खारिज करने की एक अन्य याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय में भी लगाई है, जिस पर पांच जनवरी को सुनवाई होनी है।