जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक समावेशी तथा संवेदनशील समाज के निर्माण के लिए विशेष योग्यजन की समान भागीदारी अति आवश्यक बताते हुए कहा है कि इसके लिए राज्य सरकार दिव्यांगों को केन्द्र में रखकर निरंतर कार्य कर रही है तथा उन्हें सशक्त बनाने के लिए कृत्संकल्पित है।
शर्मा शुक्रवार को जामडोली के सामाजिक न्याय संकुल परिसर में आयोजित विशेष योग्यजन बहन सम्मान दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय तथा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की परिकल्पना अंत्योदय को साकार करने में जुटी हुई है। उन्होंने प्रदेशवासियों से एकात्म मानववाद तथा नागरिक कर्तव्यों को निभाते हुए प्रत्येक जरूरतमंद की मदद करने की अपील भी की।
उन्होंने रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है जो आपसी स्नेह, विश्वास और संरक्षण की भावना को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि आपका ये भाई सभी बहनों की सुरक्षा, सम्मान के साथ ही सभी को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कई योजनाएं एवं नवाचारों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल में दिव्यांगों को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए समान अवसर नीति 2025 लाई गई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रथम संतान के जन्म के समय दी जाने वाली राशि 5 हजार से बढ़ाकर 6 हजार 500 रुपये की है। इस योजना में दिव्यांग गर्भवती महिला को 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। सरकार द्वारा विधवाओं, एकल नारियों तथा दिव्यांग व्यक्तियों को दी जा रही पेंशन को बढ़ाकर एक हजार 250 रुपए प्रति महीने किया गया है।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि शर्मा के नेतृत्व में अंत्योदय के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जामडोली में 200 करोड़ रुपये की लागत से स्वयंसिद्धा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का चरणबद्ध रूप से निर्माण किया जाएगा।
विशेष योग्यजन बहनों ने रक्षा सूत्र बांधा
इस दौरान मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बच्चियों से संवाद भी किया। विशेष योग्यजन बहनों ने रक्षा सूत्र बांधा। कार्यक्रम के अंत में शर्मा ने दिव्यांगों को खीर प्रसादी भी वितरित की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विशेष योग्यजनों को डिजिटल हियरिंग और लर्निंग किट सौंपी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाया। उन्होंने विशेष योग्यजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल भी भेंट की। शर्मा ने राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह के बालक-बालिकाओं द्वारा हस्तनिर्मित सामग्रियों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर बच्चों को सराहा।