राहुल गांधी के वक्तव्य विदेश नीति से अलग : विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिए गए वक्तव्यों को विदेश नीति से अलग बताते हुए उन पर कोई टिप्पणी करने से आज मना कर दिया।

विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां नियमित ब्रीफिंग में यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि क्या वह मानते हैं कि राहुल गांधी के वक्तव्यों से भारत की छवि धूमिल हुई है, इस पर बागची ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि उनके वक्तव्य विदेश नीति के अंतर्गत आते हैं और उन पर संसद में चर्चा हो रही है। भारत सरकार का सदैव से यह प्रयास रहा है कि वह भारत के हितों के संवर्धन संरक्षण के लिए अन्य देशों में भारत के दृष्टिकोण एवं विदेश नीति को बढ़ावा दे।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के बाद ब्रिसबेन में खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा मानद वाणिज्य दूतावास के समक्ष प्रदर्शन एवं हमले की घटना के बारे में एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के समक्ष ये मुद्दे उठाये थे और अपने मीडिया बयान में इस तरह की घटनाओं के बारे में साफ साफ कहा था। इसलिए उससे अलग कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह सही है कि मानद वाणिज्य दूतावास में कुछ देर के लिए काम बाधित हुआ था। इस मामले को ऑस्ट्रेलिया की सरकार के समक्ष उठाया गया है। हमारी टीमें एक दूसरे के संपर्क में हैं और उनसे दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की अपेक्षा है।

अमेरिकी सीनेट में एक लंबित प्रस्ताव में भारत में मैकमोहन लाइन को भारत एवं चीन की सीमा मानने संबंधी प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि उन्होंने इस आशय की रिपोर्टें देखीं हैं लेकिन उनकी जानकारी के अनुसार ऐसा कोई प्रस्ताव अभी पारित नहीं हुआ है। वह इस बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।

अमरीका में भारत के लिए नएये राजदूत के तौर पर नामित एरिक गारसेटी के भारत में मानवाधिकारों को लेकर दिए गए एक बयान के बारे में पूछने पर प्रवक्ता ने इस बयान को अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि वह गारसेटी के भारत में अमरीकी राजदूत के रूप में पुष्टि किए जाने का स्वागत करते हैं और उनके साथ भारत अमरीका के बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मिल कर काम करने के इच्छुक हैं।