पाकिस्तान को हमले की पहले सूचना देना कूटनीतिक विफलता : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने पहलगाम हमले के बाद की सैन्य कार्रवाई से पहले पाकिस्तान को सूचना देने को कूटनीतिक विफलता बताते हुए कहा है कि ऐसा कर भाजपा सरकार ने दूसरी बार आतंकवादी हाफिज सईद को बचाया है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर को इसका जवाब देना चाहिए।

खेड़ा ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि युद्ध सिर्फ सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते, बल्कि राजनीतिक रणनीति से भी लड़े जाते हैं। सेना बहादुरी से सीमा पर अपना काम करती हैं तो युद्ध में उन रणनीतिकारों की बहुत अहम् भूमिका हो जाती है जो राजधानी में बैठे होते हैं। इन तमाम लोगों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है और यह रणनीति सेनाओं के पराक्रम को या तो बढ़ा सकती है या नुकसान पहुंचा सकती है।

उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले का न्याय नहीं मिल पाएगा क्योंकि देश का नेतृत्व चीन और अमरीका से डरता है। इस युद्ध में चीन और अमरीका की भूमिका सबको मालूम है। अमरीका ख़ुद युद्ध रोकने में अपनी भूमिका बढ़-चढ़कर बता रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर का मुंह नहीं खुलता। ऐसे कौन से राज हैं कि कभी अमरीका और चीन के आगे इनके मुंह नहीं खुलते। जब भी मुंह खुलता है तो इससे देश को सीधा नुकसान पहुंचता है।

जयशंकर ने ख़ुद मीडिया को बताया है कि हमने हमला करने से पहले पाकिस्तान को सूचित कर दिया था। अब ये सूचित करने का क्या मतलब होता है। क्या विदेश मंत्री को भरोसा है कि पाकिस्तान के कहने पर आतंकी चुपचाप बैठेंगे। सवाल है कि विदेश मंत्री ने पहले पाकिस्तान को क्यों बताया।

कांग्रेस नेता ने इसे सरकार की विफलता बताया और कहा “दरअसल, इसे कूटनीति नहीं बल्कि मुखबिरी कहा जाता है। विदेश मंत्री ने जो बोला उसे सबने सुना-फिर भी इस पर लीपापोती की जा रही है। क्या इसी मुखबिरी की वजह से मसूद अज़हर ज़िंदा बच गया और हाफिज सईद ज़िंदा भाग गया।

उन्होंने कहा कि देश को जानने का हक़ है कि पाकिस्तान को हमले की सूचना देकर मसूद अज़हर को दोबारा क्यों बचाया गया। इससे पहले मसूद अज़हर को कंधार हाईजैक के समय छोड़ा गया था। विदेश मंत्री का यह बयान संवेदनशील है, क्योंकि इस बयान से तो यही लगता है कि आतंकी अपने ठिकानों से भाग गए होंगे। ऐसा क्यों किया इस पर मोदी तथा जयशंकर को जवाब देना होगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि जनता जानना चाहती है कि सैन्य कार्रवाई के दौरान देश ने कितने विमान खोए। देश को क्या नुकसान हुआ। इस करवाई में कितने आतंकी बचकर भाग गए। इसमे हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था लेकिन अचानक से डोनाल्ड ट्रंप आए और उन्होंने सीजफायर करा दिया। हमें सिंदूर से समझौता मंजूर नहीं है। देश से गद्दारी मंजूर नहीं है- चाहे वो कोई भी, किसी भी पद पर हो- हम सवाल पूछेंगे।