हाल-ए-कांग्रेसः शहर मंडल कार्यकारिणी के बिना सिरोही नगर परिषद चुनाव की तैयारी

सबगुरू न्यूज-सिरोही। राहुल गांधी ने कांग्रेस का जो मर्ज गुजरात में पकडा और उसके उपचार की आवश्यकता जताई थी, गुजरात कांग्रेस वाला वही संक्रमण गुजरात-राजस्थान की सीमाचर्ती सिरोही जिले की कांग्रेस को भी लग चुका है। कांग्रेस के कार्यकर्ता यहां बहुत हैं और काम करने के इच्छुक भी। लेकिन, प्रदेश संगठन की अनदेखी के कारण यहां पर इन कार्यकर्ताओं को भी राहुल गांधी के कथानानुसार हाथ-पांव बांधकर बैठा दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस ने पहले तो बिना जिला कार्यकारिणी के विधानसभा और लोकसभा चुनाव लडकर कांग्रेस के भट्टे बैठा दिए। अब यही काम वो सिरोही नगर में कर रही है। जहां बिना कार्यकारिणी के ही विधानसभा और लोकसभा के बाद नगर परिषद चुनाव की तैयारी कर रही है।

– डेढ साल से नहीं बनाई कार्यकारिणी

कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर के बाद संगठन को जिस तरह से विक्रेदीकृत करने की व्यवस्था की गई थी वो वाकई शानदार थी। लेकिन, अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री काल में इसे यहां फलने फूलने नहीं दिया गया। सिरोही नगर मंडल की स्थिति देखकर लग रहा है कि अब अशोक गहलोत गुट के माने जाने वाले प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा इस नई व्यवस्था को ठंडे बस्ते में रखने की परम्परा को आगे बढा रहे हैं।

प्रदेश में हर जिले में जिला कांग्रेस को विकेन्द्रीकृत करके हर विधानसभा को दो-दो ब्लॉकों में बांटा गया। इन ब्लॉकों में प्रत्येक बीस से पच्चीस बूथों पर एक मंडल बनाया गया। सिरोही में भी सिरोही विधानसभा की सिरोही ब्लॉक में छह मंडलों में से एक मंडल है सिरोही शहर मंडल। इस मंडल में विधानसभा चुनाव से पहले मंडल अध्यक्ष बनाए गए। चुनावों में संगठन का महत्व जानते हुए भी जिलाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष ने इस नगर मंडल की कार्यकारिणी की घोषणा नहीं की ।

विधानसभा चुनाव में सिरोही शहर से कांग्रेस बुरी तरह हारी। संगठन की बदहाली करने की परम्परा लाए अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत लोकसभा चुनाव में यहां से बुरी तरह हारे। इन सबसे भी सबक नहीं लिया। अभी भी सिरोही नगर मंडल कांग्रेस को सिर्फ मडल अध्यक्ष के भरोसे चलाकर जिलाध्यक्ष और प्रदेशाध्यक्ष सांगठनिक रूप से मजबूत भाजपा के सामने नगर परिषद और पंचायतों के चुनावों में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

-बिना कार्यकारिणी के वार्ड प्रभारियों की बैठक

सिरोही शहर में एक के बाद एक मुंह की खाने के बाद भी जिस तरह से सिरोही नगर में कांग्रेस को चलाया जा रहा है वो वाकई हास्यास्पद है। जिस मंडल में दो साल में मंडल की कार्यकारिणी गठित नहीं की गई वहां पर आगामी नगर परिषद चुनावों के लिए 35 वार्ड के प्रभारी नियुक्त कर दिए। शहर के बाहर के इन  वार्ड प्रभारियों की स्थानीय शहर मंडल की कार्यकारिणी की गैरमौजूदगी में मंडल ने नगर परिषद चुनावों की तैयारी की चर्चा भी कर ली।

एक के बाद एक पुराने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भाजपा के समर्थन में उतरने और निष्क्रिय बैठ जाने से शहर में कांग्रेस के हालात कितने बुरे हो चुके हैं ये यूथ कांग्रेस के आव्हान पर 14 मई को निकाली तिरंगा यात्रा बदहाली से पता चल जाता है। शहर मंडल की कार्यकारिणी होती तो उसके ही 20 पदाधिकारी इसमें मिलकर कुछ तो लाज रख ही लेते।

बिना कार्यकारिणी के कांग्रेस के कार्यक्रमों के लिए भी मंडल स्तर पर लोगों को जमा नहीं कर पाने की व्यथा को नगर मंडल अध्यक्ष प्रकाश प्रजापति ने हाल में हुई नगर मंडल की बैठक में व्यक्त किया। वन मैन शो में सिरोही शहर में लगातार फेल होती कांग्रेस को मजबूत करने को लेकर इसी बैठक में ब्लॉक अध्यक्ष ने भी मंडल अध्यक्ष से शीघ्र कार्यकारिणी गठन को कहा। लेकिन, शायद जिला और प्रदेश संगठन की ओर से इसे अटकाया जा रहा है।

जिला कार्यकारिणी के गठन में डेढ साल की देरी पर ये दलील थी कि संयम लोढा और नीरज डांगी गुट की खींचतान वजह से देरी हो रही है। सिरोही नगर मंडल के सिरोही विधानसभा का हिस्सा होने और यहां पर संयम लोढा के अलावा किसी दूसरे गुट का हस्तक्षेप नहीं है। इस पर भी जिलाध्यक्ष और प्रदेशाध्यक्ष के द्वारा यहां की कार्यकारिणी दो साल से गठित नहीं होने देना वाकई संगठन को कमजोर करने के अलावा कुछ और नजर नहीं आता। ये हाल तब है जब आबूरोड का नगर मंडल अपनी कार्यकारिणी का स्नेहमिलन आयोजित कर चुका है।

सिरोही शहर मंडल की बैठक को संबोधित करते संयम लोढ़ा।

– एकजुटता का आह्वान

सिरोही नगर कांग्रेस की सोमवार को आयोजित बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढा ने सभी कार्यकर्ताओं से वार्ड की प्लानिंग करने और एकजुटता का आह्वान किया। बैठक को रतन माली, किशोर पुरोहित, हरीश राठौड़, हनवंत सिंह, प्रकाश मीणा, महेंद्र मेवाडा, प्रकाश प्रजापति, जितेंद्र सिंघी, महेंद्र चौहान, नारायण सुथार, रेणुलता व्यास, हेमलता शर्मा, मारूफ हुसैन, ईश्वर सिंह, सुधांशु गौड़, मनोज पुरोहित, तेजाराम वाघेला, भरत धवल, प्रकाश मेघवाल, प्रवीण सिंह निंबोड़ा, महावीर सिंह जाखोड़ा, भंवर सिंह देवड़ा, तलसाराम भील, प्रवीण जटोलिया, सुरेंद्र सिंह सांखला, जगदीश माली सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया।