जयपुर/जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के संदेह में पकड़े गए रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के गेस्ट हाउस के प्रबंधक महेंद्र प्रसाद को पूछताछ के बाद गुरुवार की रात जयपुर भेज दिया गया।
जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने शुक्रवार को बताया कि गत चार अगस्त को जैसलमेर के चांधन क्षेत्र में पकड़े गए महेंद्र प्रसाद से सभी सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों द्वारा पूछताछ के दौरान कई खुलासे हुए हैं। वह पिछले पांच वर्षों से देश की सामरिक एवं गोपनीय सूचनाएं सीमा पार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेज रहा था।
उन्होंने बताया कि उसकी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से सम्बन्ध होने पर उसे पूछताछ के लिए देर रात केंद्रीय जांच केंद्र, जयपुर (सीआईसी) जयपुर भिजवाया गया है। उन्होंने बताया कि जैसलमेर में सैन्य परिसरों एवं अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं में तैनात निजी एवं सविंदा में लगे हुए कर्मचारियों का प्रमाणीकरण एवं उनके बारे में जांच की जा रही हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महेंद्र प्रसाद को सीमा पार से फर्जी डीआरडीओ का अधिकारी कर्नल एके सिंह बनकर आईएसआई से जुड़ा कर्मचारी फोन करता था। महेंद्र प्रसाद कथित कर्नल एके सिंह के तीन अलग-अलग नम्बरों पर डीआरडीओ एवं अन्य सैन्य गतिविधियों की जानकारी कागज पर लिखकर फोटो खींच कर भिजवाता था।
वह गेस्ट हाउस में आने वाले डीआरडीओ के वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और अन्य सेना एवं वायुसेना के आने वाले अधिकारियों के नाम, फोन नम्बर, किस कारण से आये हैं, इसकी गोपनीय जानकारी सीमा पार उक्त कथित कर्नल एके सिंह को उसके बताए गए नम्बरों पर भेजता था।
सूत्रों ने बताया कि जासूस महेन्द्र प्रसाद का पिता भी काफी समय से दिल्ली एवं अन्य स्थानों पर डीआरडीओ गेस्ट हाउस में कुक का कार्य करता था, बाद इसको भी पिता ने गेस्ट हाउस में कुक की नौकरी दिलवा दी। बताया जाता है महेन्द्र प्रसाद गेस्ट हाउस में वर्ष 2008 से कुक की नौकरी कर रहा था। बाद में इसे प्रबंधक बना दिया गया था। वह जैसलमेर में डीआरडीओ के गेस्ट हाउस में रहने के दौरान वर्ष 2020 में आईएसआई के सम्पर्क में आया।