दुर्गापुर। पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा एवं सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने दुर्गापुर मोहोकुमा अदालत के न्यायाधीश राजीव सरकार की उपस्थिति में आयोजित शिनाख्त परीक्षण (टीआई) परेड के दौरान गिरफ्तार सभी पांचों आरोपियों की पहचान कर ली है।
अदालत के बुधवार को दिए गए आदेश के बाद शुक्रवार को फुलझोर सुधार गृह में टीआई परेड आयोजित की गई और पीड़िता ने तुरंत सभी पांचों आरोपियों की पहचान कर ली। सभी आरोपी सुधार गृह में बंद हैं। पुलिस और वकील अपने साथ पीड़िता को लेकर वहां पहुंचे थे।
पुलिस ने टीआई परेड के दौरान तीन डमी व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया लेकिन पीड़िता ने उन सभी पांचों आरोपियों की पहचान कर ली जो कथित तौर पर गत 10 अक्टूबर को आईसी मेडिकल कॉलेज के एक जंगली इलाके में हुए अपराध में शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र वसीफ अली (23) को हिरासत में नहीं लिया।
पीड़िता की ओर से पेश हुए वकील पार्थ घोष ने दावा किया कि वासिफ अली इस अपराध का मास्टरमाइंड है। यह अपराध 10 अक्टूबर की रात लगभग 8:30 बजे पास के जंगली इलाके में अस्पताल परिसर के बाहर हुआ था।
घोष ने कहा कि मालदा जिले के निवासी वासिफ अली ने पांचों आरोपियों के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया। अली बिजरा गांव के सभी पांच स्थानीय लोगों को जानता है जहां वह रोजाना धार्मिक कार्यों के लिए जाता था और उनसे दोस्ती भी कर ली थी।
वकील ने दावा किया कि दुष्कर्म की योजना पहले से बनाई गई थी और पीड़िता का सहपाठी वासिफ अली (23) मुख्य आरोपी है। पांचों आरोपियों में नसीरुद्दीन स्कलियास सम्राट (23), अपुर बाउरी (21), फिरदौस एसके (23), एसके रियाज़ुद्दीन और एसके सफीक शामिल हैं। आगे की सुनवाई के लिए सभी आरोपियों को रविवार को फिर से पेश किया जाएगा।



