असम के वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन गोहेन ने पार्टी से दिया इस्तीफा

गुवाहाटी। असम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और चार बार के लोकसभा सांसद रहे राजेन गोहेन ने इस्तीफा दे दिया।

उल्लेखनीय है कि गोहेन ने 1999 से 2019 तक लगातार चार बार नागांव लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है। उन्होंने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होंगे या नहीं।

गोहेन को 2016 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेल राज्य मंत्री के रूप में भी शामिल किया गया था। गोहेन 2019 के बाद से भाजपा में हाशिये पर थे और उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पहली बार पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था।

वर्ष 2019 में भाजपा ने गोहेन की जगह मौजूदा विधायक रूपक शर्मा को मैदान में उतारा था। गोहेन ने असम में बरहामपुर विधानसभा क्षेत्र से 2021 का विधानसभा चुनाव का टिकट मांगा था लेकिन उन्हें फिर से टिकट नहीं दिया गया, जिससे पार्टी के साथ उनकी अनबन और बढ़ गई।

गोहेन ने गुरुवार को असम भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया को तीन पंक्तियों का एक पत्र भेजकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त करते हुए इसे स्वीकार करने का अनुरोध किया। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनका इस्तीफा आज से प्रभावी माना जाए।

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में गोहेन के भाजपा के साथ अच्छे संबंध नहीं बने हुए हैं और उन्होंने 2023 में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात भी की थी और केंद्रीय नेतृत्व को तत्कालीन राज्य नेतृत्व और अपने बीच बढ़ते मतभेदों से अवगत कराया था।

वरिष्ठ भाजपा नेता गोहेन ने असम में भाजपा के सत्ता में न होने के समय भी मध्य असम में पार्टी का झंडा फहराया था, हाल ही में वह असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के भी कड़े आलोचक बने थे और उनकी खुलकर आलोचना करने लगे थे।

वह 2023 में असम में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के तरीके से भी नाखुश थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पर मौलाना बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाले अखिल भारतीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ ‘गुप्त समझौता’ करने का आरोप लगाया था।