अजमेर। राजस्थान में चलाए जा रहे शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत सोमवार को अजमेर के खाद्य सुरक्षा दल ने जिला कलक्टर लोकबंधु के निर्देश पर जयपुर रोड स्थित मैसर्स विशाल मेगा मार्ट पर जांच करते हुए नमूने लिए।
अजमेर जिले की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा ने बताया कि दल ने विशाल मेगा मार्ट पर निरीक्षण के दौरान पाया कि पॉम ऑयल को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताकर रुपए चार सौ उन्नीस प्रतिलीटर बेचा जा रहा था। प्रीतलाइट गोल्ड ब्रांड के नाम से बेचे जा रहे डिब्बे उसी शेल्फ में रखे थे जिसमें नामी ब्रांड के घी के डिब्बे रखे थे।
उन्होंने बताया कि दल ने नकली ग्राहक बनकर प्रीतलाइट का एक लीटर का पैकेट खरीदा जिस पर अधिकतम मूल्य पांच सौ रुपये दस अंकित था जिसे डिस्काउंट के बाद चार सौ उन्नीस रुपए में दिया गया। बिल पर प्रीतलाइट गोल्ड अंकित था।
दल ने स्टोर प्रबंधक देवीदत्त से बिल में घी या तेल नहीं लिखने का पूछने पर उसने कोई जवाब नहीं दिया। जबकि नियमानुसार डिब्बे पर वस्तु का नाम और बिल में बेचे गए खाद्य का नाम अंकित होना अनिवार्य होता है। डिब्बे पर छोटे अक्षरों में पॉम ऑयल 80 प्रतिशत और कोकोनट ऑयल 20 प्रतिशत का मिश्रण अंकित था।
इस प्रकार प्रतिष्ठित फर्म द्वारा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक जीरो प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल के नाम पर 100 रुपए लीटर का पॉम ऑयल डिस्काउंट के बाद 419 रूपये लीटर बेचा जा रहा था। दल द्वारा इस तथाकथित तेल के नमूने लेकर शेष बचे आठ डिब्बों को सीज किया गया।
डॉ. रंगा ने बताया कि स्टोर में रखे काजू की क्वालिटी में भी संदेह होने पर काजू का नमूना लेकर शेष 25 पैकेट सीज किए गए। प्योर ब्रस्ट ब्रांड के घी का भी नमूना लिया गया। दल में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील चोटवानी, अजय मोयल, केसरीनंदन शर्मा एवं सहायक राजकुमार इंदौरिया शामिल रहे।