जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मियां कयूम का घर कुर्क

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मियां अब्दुल कयूम के घर को कुर्क कर लिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जेल में बंद कयूम ने अपने श्रीनगर स्थित घर का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया था।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक्स पर लिखा कि डीजीपी नलिन प्रभात ने पाकिस्तानी एजेंट और आतंकवादी मियां कयूम की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। आदेश के तुरंत बाद घर कुर्क कर लिया गया। पुलिस ने मियां कयूम को 22 सितंबर, 2020 को वकील बाबर कादरी की हत्या के मामले में 25 जून 2024 को गिरफ्तार किया था और वह तब से जेल में बंद है।

पुलिस के अनुसार यह कार्रवाई 2009 में शहीदगंज पुलिस स्टेशन में आरपीसी की विभिन्न धाराओं और 153-ए तथा गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी की जांच के बाद की गई है। यह मामला 2009 में श्रीनगर में एक होटल में अलगाववादी नेताओं द्वारा मुहम्मद अली जिन्ना की पुण्यतिथि पर आयोजित एक सेमिनार से संबंधित है, जहां कयूम और अन्य ने कथित तौर पर भारत विरोधी भाषण दिए और अलगाववाद के समर्थन में नारे लगाए।

डीजीपी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जांच के दौरान, गवाहों के बयान दर्ज किए गए और यह बात सामने आई कि सेमिनार में भाग लेने वालों ने देश-विरोधी नारे लगाए और भड़काऊ भाषण दिए, जिससे श्रोताओं को भारत की अखंडता के विरुद्ध भड़काया गया और भीड़ से जम्मू-कश्मीर को भारत संघ से अलग करने का समर्थन करने का आग्रह किया गया। एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर, मियां अब्दुल कयूम सहित अन्य आरोपी उनके खिलाफ लगाए गए अपराधों में संलिप्त पाए गए। तदनुसार, इस मामले में यूएपीए की धारा 38 और 39 लागू की गईं।

आदेश में कहा गया है कि जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया यह स्थापित होता है कि बुलबुल बाग, बरजुल्ला, श्रीनगर निवासी आरोपी मियां कयूम ने अपने आवासीय परिसर जिसमें दो मंजिला मकान और दो कनाल, एक मरला और 90 वर्ग फुट भूमि शामिल है का उपयोग आपत्तिजनक सामग्री छिपाने और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया है।

इस प्रकार पंजीकृत उक्त संपत्ति यूएपीए की धारा 2(जी) के अनुसार आतंकवाद से प्राप्त आय के दायरे में आती है और इसे शहीदगंज, श्रीनगर पुलिस थाना में दर्ज एफआईआर संख्या 157/09 के तहत कुर्क किया जा सकता है। अतः अब यूएपीए की धारा 25 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, कुर्की हेतु पूर्वानुमति प्रदान की जाती है…।

पुलिस ने कहा कि बरजुल्ला के बुलबुल बाग स्थित कयूम के आवास की तलाशी के दौरान उन्हें प्रतिबंधित साहित्य, हिजबुल मुजाहिदीन का एक लेटरहेड, संगठन की मुहर की छाप और तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को संबोधित हिजबुल प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का एक पत्र मिला है।