जयपुर। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी की पहल पर ऐतिहासिक रूप से पहली बार पर्टयन विभाग की ओर से राजस्थान की लोक-संस्कृति, पारंपरिक कलाओं और जनभागीदारी आधारित सांस्कृतिक मॉडल को नई दिशा देने के उद्देश्य से बुधवार को राज्य के सातों संभाग मुख्यालयों पर एक साथ घूमर महोत्सव आयोजित किया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस आयोजन को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया जिसमें राजस्थान के सातों संभागों में आयोजित घूमर महोत्सव में एक साथ लगभग छह हजार महिलाओं ने घूमर नृत्य किया। जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम के फुटबॉल ग्राउण्ड में राज्य स्तरीय घूमर महोत्सव आयोजित हुआ जिसमें महिलाओं ने बड़ी संख्या में सहभागिता कर राजस्थान की सांस्कृतिक परम्पराओं को जीवंत कर दिया। लय-ताल और सुरों की जुगल बंदी से सुसज्ज्ति और सुगठित घूमर महोत्सव ने राजस्थान की सांस्कृतिक गरिमा को प्रदर्शित किया।
दिया कुमारी ने इस अवसर पर नगाड़ा बजाकर महोत्सव का आगाज किया। उन्होंने स्टेडियम में उपस्थित मातृशक्ति का अभिवादन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज वो समय आ गया हैं जब हमें राजस्थान की लोक संस्कृति, लोक कलाओं और विरासत को नई पीढी तक पहुंचाना होगा।
राजस्थान की संस्कृति के पर्यायवाची घूमर नृत्य को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन हर वर्ष बृहत् स्तर पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि सांस्कृतिक परंपराओं को जनभागीदारी और नवाचारों के साथ जोड़कर एक स्थायी मॉडल तैयार किया जाए, जिससे राजस्थान का पर्यटन व्यापक और सशक्त रूप में उभर कर आए।
उन्होंने कहा कि घूमर फेस्टिवल को दीर्घकालिक रूप से राज्य की सांस्कृतिक पहचान के रूप में स्थापित करने की व्यापक योजना तैयार की जा रही है। आने वाले समय में इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक कैलेंडर में शामिल कराने की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा।
इस उत्सव में दिया कुमारी ने भी जयपुर सांसद मंजू शर्मा और अन्य महिलाओं के साथ घूमर नृत्य कर महोत्सव में सहभागिता कर रही युवतियों और महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में घूमर एवं प्रदेश के अन्य लोकनृत्यों को संरक्षण देने वाली पदमश्री गोवरधन कुमारी को श्रद्धाजंलि दी गई और कला संरक्षण के लिए उनके द्वारा किए उल्लखेनीय कार्यों एवं उपलब्धियों पर एक लघु वृतचित्र प्रदर्शित किया गया।



