गीता प्रेस एक संस्था नहीं बल्कि जीवंत आस्था : प्रधानमंत्री मोदी

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समापन समारोह में हिस्सा लेने शुक्रवार को आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गीता प्रेस केवल एक प्रिंटिंग प्रेस नहीं है बल्कि यह एक जीवंत आस्था है।

मोदी ने यहां आयोजित समापन समारोह कार्यक्रम में शिरकत करके इतिहास रच दिया। आजादी के बाद से किसी प्रधानमंत्री का गीता प्रेस में यह पहला आगमन रहा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत श्रीहरि के उद्घोष के साथ की। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनका गोरखपुर दौरा विकास भी, विरासत भी की नीति का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत करता है। गीता प्रेस दुनिया की इकलौती ऐसी प्रिंटिंग प्रेस है जो केवल एक संस्था नहीं है बल्कि जीवंत आस्था है। इसका कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है, जिसके नाम भी गीता है और काम में भी गीता है।

मोदी ने कहा कि गीता प्रेस के नाम और काम दोनों में गीता है और जहां गीता है वहां कृष्ण हैं। जहां कृष्ण हैं वहां करूणा है, वहां कर्म है, वहां ज्ञात का बोध है और विज्ञान का ज्ञान है। गीता का श्लोक ही है वासुदैव सर्वमम् अर्थात सब कुछ कृष्ण है। वर्ष 1923 में गीता प्रेस के रूप में प्रज्जवलित हुई यह ज्योति आज पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रही है। हम सभी का सौभाग्य है कि हम इसके 100 साल पूरे होने के शताब्दी वर्ष का हिस्सा बन रहे हैं।

मोदी ने कहा कि इस प्रेस से महात्मा गांधी का भी भावनात्मक जुड़ाव रहा और वह कल्याण पत्रिका के माध्यम से लिखते थे। गांधी जी ने ही सुझाव दिया था कि इसमें विज्ञापन न छापे जाएं और उनके सुझाव का आज तक अनुसरण किया जा रहा है। इस संस्था को हमारी सरकार ने गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया वास्तविकता में यह इस प्रेस के योगदान, 100 वर्षों के विरासत का सम्मान है।

प्रधानमंत्री ने समापन समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गीता प्रेस जितनी पुस्तकों का प्रकाशन करती है वह संख्या किसी को भी हैरान करने वाली है। यहां से प्रकाशित पुस्तकों ने न जाने कितने लोगों को आध्यात्मिक और बौद्धिक तृप्ति प्रदान की है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने इस संस्था में बिना किसी प्रचार के योगदान देने वाले लोगों को भी धन्यवाद दिया और कहा कि गीता प्रेस जैसी संस्था भारत की एकजुटता का प्रतीक है।

गीता प्रेस से 15 अलग अलग भाषाओं में लगभग 1600 प्रकाशन होते हैं, यह भारत के मूल चिंतन को जन जन तक पहुंचाती है। गीता प्रेस अपनी स्थापना के सौ साल ऐसे समय में पूरे कर रही है जब देश आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है, यह केवल एक संयोगमात्र नहीं हैं। सौ साल पहले वह समय आया था जब देश की लंबी गुलामी ने देश की मूल भावना को ही खत्म कर दिया था। देश का ज्ञान और विरासत लुप्त होने के कगार पर थे। तब इस प्रिंटिंग प्रेस का प्रादुर्भाव हुआ और भारतीय ग्रंथ घर घर तक पहुंचे।

यह गीता प्रेस का ही योगदान है कि आज भारत के प्राचीन ग्रंथ आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे। गीता प्रेस परिचायक है कि जब उद्देश्य पवित्र हो, मूल्य पवित्र हो तो सफलता पर्याय बन जाती है। गीता प्रेस ने समाजिक मूल्यों को संबल दिया है।

मोदी ने कहा कि आज देश विकास और विरासत दोनों को एक साथ लेकर चल रहा है, जहां एक ओर विश्वस्तरीय निर्माण हो रहे हैं तो दूसरी ओर देश की महान परंपरा को महाकाल, केदारनाथ, बद्रीनाथ के साथ राममंदिर का निर्माण हो रहा है। नौसेना के झंडे पर हम गुलामी के जिस निशान को आजादी के इतने साल गुजर जाने के बाद भी ढो रहे थे उसे आज हमने पूरे आत्मविश्वास से साथ त्याग दिया है। नौ सेना के झंडे पर अब छत्रपति शिवाजी महाराज के समय का चिंह दिखाई देगा।

आज जहां एक ओर देश की जनजातीय परंपरा को सम्मान दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर देश से चुराकर विदेशों में ले जाई गई ऐतिहासिक मूर्तियों को भी वापस लाने का काम किया जा हर है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि देश में मुनियों की, संतों की साधना का आशीर्वाद है कि हम नए भारत का निर्माण करेंगे जिसका दुनिय भर में एक नया गौरव होगा। इस पवित्र अवसर पर कुछ समय बिताने का मौका आज मुझे भी मिला इसके लिए सभी का धन्यवाद।

मोदी ने मंच से कहा कि इसके बाद वह गाेरखपुर रेलवे स्टेशन जाएंगे जहां इस स्टेशन को पूरी तरह से नवीन और भव्य रूप दिए जाने का काम आज से शुरू होने वाला है। उन्होंने बताया कि इस स्टेशन के भव्य नवीन स्वरूप की जो तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया पर सांझा की हैं उन्हें देखकर लोग भरोसा ही नहीं कर पा रहे हैं कि कोई रेलवे स्टेशन ऐसा भव्य हो सकता है। उन्होंने बताया कि वह गाेरखपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे और इसी समय पर जोधपुर-अहमदाबाद के बीच भी वंदे भारत रवाना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि एक समय था कि जब नेता उनके राज्यों में किसी ट्रेन विशेष को रोके जानेे का अनुरोध करते थे लेकिन आज नेता उनके राज्यों से भी वंदे भारत ट्रेन शुरू करने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन ने एक मध्यम वर्गीय भारतीय की यात्रा की तस्वीर को बहुत हद तक बदल कर रख दिया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सदर सांसद रविकिशन के साथ गीता प्रेस से जुड़े गणमान्य तथा आमंत्रित लोग उपस्थित रहे।