नूंह। हरियाणा में नूंह जिले के मुंडाका गांव में मंगलवार को गाड़ी पार्क करने को लेकर शुरू हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें सात लोग घायल हो गए और इलाके में तनाव फैल गया।
स्थानीय सरपंच ने आरोप लगाया कि दो युवकों ने एक टेंट व्यापारी पर बोतल से हमला किया, जिसके बाद भीड़ ने मकानों और दुकानों की छतों से पथराव किया, कांच की बोतलें फेंकीं, एक बाइक और दुकान में आग लगा दी। दूसरे पक्ष की एक महिला ने दावा किया कि उनके घर में लूटपाट हुई, परिवार के तीन लोगों के साथ मारपीट और मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की गई।
हंगामा बढ़ने पर राजस्थान सीमा के थानों से पुलिस बुलाई गई, लेकिन डेढ़ घंटे तक भीड़ बेकाबू रही। सड़कों पर जाम लग गया और आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने दो कंपनियां तैनात की हैं। नूंह पुलिस के प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने मस्जिद से किसी तरह के ऐलान के आरोप को निराधार करार दिया है।
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि यह झगड़ा हरियाणा-राजस्थान सीमा के गांव में हुआ। हिंसा में शामिल और उकसाने वालों की तलाश में छापेमारी चल रही है। पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो सभी राजस्थान के रहने वाले हैं और दो संदिग्ध हिरासत में हैं।
नूंह के उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बुधवार को बताया कि फिरोजपुर झिरका के मुंडाका गांव में दो युवकों के बीच मामूली कहासुनी को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया। कुछ लोग इसे सामुदायिक दंगे के रूप में पेश कर रहे हैं, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। स्थिति पूरी तरह सामान्य है। फिरोजपुर झिरका के एसडीएम लक्ष्मी नारायण और डीएसपी अजायब सिंह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और मौके का दौरा भी कर चुके हैं।
फिरोजपुर झिरका में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई है, जिसमें सभी समुदायों को शामिल कर शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई। मीणा ने बताया कि दोनों पक्षों से बातचीत की गई है और मामले का उचित समाधान निकाला जाएगा।
उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने को कहा। उन्होंने साथ ही चेतावनी दी कि सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने सभी जिला वासियों से शांति बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।