मेरा कोई मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा : अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके बयान पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा पलटवार करने पर कहा है कि उनका कोई मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा हैं और वह प्रदेशवासियों की सेवा करने के लिए 100 साल जिंदा रहना चाहते हैं।

गहलोत ने सोमवार को यहां हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्रीजी ने शायद लिखा है कि मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, मेरा कोई मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा है, मैं मुख्यमंत्रीजी को, प्रधानमंत्री मोदी नरेन्द्र को, विश्वास दिलाता हूं कि मेरा मानसिक संतुलन बिल्कुल नहीं बिगड़ा है बल्कि महात्मा गांधी ने तो कहा था कि मैं 125 साल जिंदा रहना चाहता हूं, सेवा करने के लिए और मैं कह रहा हूं मैं कम से कम सौ साल जिंदा रहना चाहता हूं। राजस्थान प्रदेशवासियों की सेवा करने के लिए। जिसकी भावना इतनी बड़ी हो कि मुझे सौ साल तक सेवा करनी है उसका मानसिक संतुलन हमेशा कायम रहेगा, ये मेरा कहना है मुख्यमंत्री भजनलाल जी को।

गृह मंत्रालय के सात तारीख को मॉक ड्रिल को लेकर एडवाइजरी जारी करने तथा सरकार के गुजरात में होने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि इस पर उनका कोई कमेंट नहीं हो सकता क्योंकि वो तो पहलगाम के बाद में जिस प्रकार से विचार आ रहे हैं रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री और पूरा देश एकजुट है, विपक्ष कह चुका है कि हम आपके साथ में हैं।

तो मेरा मानना है कि ऐसे मामले के अंदर एक बार जब विपक्ष भी एकजुट है सरकार के साथ में, अब किसी को भी कमेंट नहीं करना चाहिए उसके बारे में क्योंकि जो फैसला करना है सरकार को करना है और सरकार को भी फैसला सोच समझ कर करना है। ऐसे फैसले कोई जल्दबाजी में नहीं होते हैं, ऐसे फैसले कोई अति उत्साह समझ लिए अति प्रतिक्रिया समझ लीजिए उसमें नहीं होता है।

ये फैसले बहुत सोच समझ के देश हित में क्या है हमारे, हमारे मुल्क के हित में क्या है उसको देख कर करने पड़ेंगे, ये पूरी छूट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को होनी चाहिए। उसमें बार बार कमेंट नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हां यह बात जरूर है कि लोग पूछते हैं कि आप बड़ी बड़ी बातें तो करते हो, पर आतंकवादी हमले को बारह दिन हो गए हैं आप क्या जवाब दे रहे हो जनता को।

अशोक​ गहलोत का बिगड़ चुका है मानसिक संतुलन : भजनलाल शर्मा