पहली सितंबर से बंद हो जाएगी डाक विभाग की रजिस्ट्री सेवा

लखनऊ। दो दशक से भी ज्‍यादा समय बाद 1877 में डाक विभाग की तरफ से शुरू की गई रजिस्ट्री पोस्ट सेवा पहली सितंबर से इतिहास के पन्नो में दर्ज हो जाएगी।

भारतीय डाक विभाग ने रजिस्ट्री सेवा को बंद करने का निर्णय लिया है। विभाग की तरफ से विकल्प के तौर पर स्पीड पोस्ट सेवा जारी रहेगी। डाक विभाग ने सभी विभागों, अदालतों, संस्थानों और लोगों को 1 सितंबर से नई व्यवस्था का उपयोग करने को कहा है। हालांकि 31 अगस्त तक यह सेवा पहले की तरह चलती रहेगी।

लखनऊ के पोस्ट मास्टर जनरल सुनील कुमार ने बताया कि यह मंत्रालय का निर्णय है। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री सेवा को स्पीड पोस्ट में मर्ज कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्पीड पोस्ट सेवा कम समय मे डिलीवर होने के साथ ही इसकी ट्रैकिंग भी आसान है। शायद इस वजह से मंत्रालय ने निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि 2000 के दशक तक डाकघरों में रजिस्ट्री चिट्ठी या रजिस्टर्ड पार्सल का अपना एक अलग रुतबा होता था। रजिस्ट्री वाली चिट्ठी भेजने के लिए अलग से काउंटर होता था। डाकघर वाले उसके लिए आपको एक रसीद काट कर देते थे। उस चिट्ठी के डिलीवर होने पर आपको पावती या एकनॉलेजमेन्ट भी मिलता था। कुल मिला कर यह डाकघर की प्रीमियम सर्विस थी। इस सर्विस को डाक विभाग ने अब बंद करने का फैसला किया है।

वही रजिस्ट्री चिट्ठी या रजिस्टर्ड पोस्ट की अभी तक बड़ी इज्जत रही है। कोई महत्वपूर्ण कागजात भेजना हो, बाहर पढ़ने वाले बच्चों को बैंक ड्राफ्ट बना कर भेजना हो या रक्षा बंधन पर राखी, सबके लिए रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल होता है। आजादी के बाद से ही रजिस्टर्ड पोस्ट बेहद भरोसेमंद माना जाता था। सरकार भी अपाइन्टमेंट लेटर भेजने में इसका इस्तेमाल करती रही है। साथ ही अदालत भी कानूनी नोटिस इसके जरिए भेजा करती थी।

गौरतलब है कि ब्रिटिश शासन काल में भारतीय डाक विभाग की शुरुआत 1854 में हुई थी। उस दौरान डाक विभाग का केन्द्रीयकरण कर देश मे पहली बार डाक टिकट जारी हुए थे।