जोधपुर। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब इनके पास मुद्दे समाप्त हो जाते हैं, तब इनके द्वारा झूठा नैरेटिव गढ़ने का प्रयास किया जाता है ताकि खुद की प्रासंगिकता को बनाया रखा जा सके।
शेखावत शनिवार को यहां मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मालेगांव ही नहीं, चाहे संविधान बदलने की बात हो, चुनाव और आरक्षण समाप्त करने की बात हो, इनको लेकर भी विपक्ष लगातार झूठा नैरेटिव गढ़ते रहा है। अब स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर भी इसी तरह के झूठे प्रचार किए जा रहे हैं लेकिन देश की जनता कांग्रेस और विपक्ष का चरित्र जानती है।
सत्य को छिपाया जा सकता है लेकिन उसको मिटाया नहीं जा सकता है।मालेगांव मामले पर न्यायालय के फैसले के बाद एक फिर इनके झूठे नैरेटिव का चेहरा बेनकाब हुआ है, और सत्य विजयी हुआ है।
भगवान बुद्ध की अस्थियों के भारत वापस आने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि 127 साल बाद ये अस्थियां भारत वापस लाई गईं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत सरकार इस प्रयास में सफल हुई। भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के बाद उनकी अस्थियां आठ हिस्सों में बांटी गई थीं, जिनमें एक हिस्सा कपिलवस्तु के पीपरवाह में उनके शक्य वंशजों द्वारा एक पत्थर के बक्से में रखा गया था। यह बक्सा वर्ष 1898 में अंग्रेजों द्वारा की गई खुदाई में मिला था लेकिन तब अंग्रेज इस धरोहर को अपने साथ इंग्लैंड ले गए और खोजकर्ता विलियम प्रेपे को सौंप दिया गया।
शेखावत ने बताया कि यह संपदा बाद में अमरीका चली गई जहां अप्रैल में इसके नीलामी की खबर सामने आई। मोदी के मार्गदर्शन में भारत सरकार ने तत्काल हस्तक्षेप कर नीलामी को रुकवाया और यह स्पष्ट किया कि भारत इसे अधिग्रहित करना चाहता है। इसके बाद ऐतिहासिक कदम उठाते हुए यह अमूल्य धरोहर भारत वापस लाई गई। उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया और कहा कि यह पहल भविष्य में अन्य धरोहरों की वापसी के लिए एक मिसाल बनेगी।
अमरीका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने पर उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत सुरक्षित है, क्योंकि भारत का प्रमुख निर्यात सेवा क्षेत्र से संबंधित है। उन्होंने कहा कि भारत गुणवत्ता सुधार और लागत घटाकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकता है। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि भारत आने वाले दो वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने किसानों के लिए फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में नए अवसरों के खुलने की बात भी कही।