बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर की एक अदालत ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले की जांच कर रही पुलिस ने लोक निर्माण विभाग के (पीडब्ल्यूडी) विभाग के पांच अधिकारियों की जमानत मंजूर कर लिया है।
पुलिस ने तीनों को 30 जुलाई को गिरफ्तार करके उसी दिन जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया। अदालत ने सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर दो दिनों के लिए जेल अभिरक्षा में भेजा। गिरफ्तारी के दूसरे दिन यानि 31 जुलाई को न्यायिक अभिरक्षा के पूरी होने से पहले सभी पांच आरोपियों की जमानत मंजूर हुई है।
बीजापुर जिले की पुलिस ने जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। उनमें से दो कार्यपालन अभियंता सेवा से रिटायर हो चुके हैं। नीचे लिखे नामों में, शुरू के दो नाम उनके हैं जो सेवा से रिटायर हो चुके हैं।
• डीआर साहू (सेवानिवृत्त ईई)
• वीके चौहान (सेवानिवृत्त अभियंता)
• एचएन पात्र (कार्यपालन अभियंता)
• प्रमोद सिंह कंवर (एसडीओ, बीजापुर)
• संतोष दास (उप अभियंता)
दंतेवाड़ा जिला एवं सत्र न्यायालय से जमानत मिलने का यही मतलब है कि पत्रकार की हत्या से लोक निर्माण विभाग के शासकीय सेवकों का कोई सीधा जुड़ाव नहीं था।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर जिले में बनी गंगालूर-मिरतुर सड़क को लेकर अपने टीवी समाचार चैनल के लिए न्यूज कवर किया था। इस समाचार के प्रसारित होने के बाद, सड़क में निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ की बात कही जा रही थी।
मुकेश की हत्या के बाद शुरुआती दिनों में यह माना गया कि इस सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने की वजह से उनकी हत्या हुई। हत्या का यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।