जयपुर। राजस्थान में करीब 1638 अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर जाने से न्यायिक कामकाज ठप हो गया है।
चार दिन से भूख हड़ताल कर रहे न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र नारायण जोशी ने शुक्रवार को बताया कि राज्य के 21 हजार न्यायिक कर्मचारी कैडर पुनर्गठन की लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर हैं। ये कर्मचारी पिछले पांच दिनों से जयपुर सत्र न्यायालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों में सरकार की अनदेखी को लेकर रोष व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अब तक कोई ठोस वार्ता या समाधान प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे नाराज होकर अब पूरे राज्य के न्यायिक कर्मचारी अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले गए हैं। इसका सीधा असर न्यायालयों में लंबित मामलों की सुनवाई, आदेशों की निष्पादन प्रक्रिया और अन्य न्यायिक कार्यों पर पड़ रहा है। इस हड़ताल से न्यायिक प्रक्रिया पूरी तरह ठहर गई है।
जोशी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन न्यायिक प्रणाली के प्रभावित होने से आमजन और अधिवक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। न्यायिक कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक कैडर पुनर्गठन सहित अन्य मांगों पर स्पष्ट और संतोषजनक कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।