कंझावला मामला: पुलिस ने पीड़िता की सहेली को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि कंझावला क्षेत्र में एक लड़की को कार की टक्कर मारने के बाद 12 किलोमीटर तक घसीटने के मामले मृतका की सहेली और घटना की कथित चश्मदीद निधि को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है।

इस कुख्यात मामले में नवीनतम घटनाक्रम दिल्ली पुलिस द्वारा घटना के संबंध में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद आया है। इस मामले में अब तक गिरफ्तार व्यक्तियों की कुल संख्या छह हो गई है। छठे आरोपी की पहचान आशुतोष के रूप में हुई है। हालांकि, पांच लोगों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे पुलिस हिरासत में हैं।

विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने दावा किया कि छठे आरोपी को पुलिस को झूठी सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि 18 टीमें सभी पहलुओं पर मामले की जांच कर रही हैं। टीमों ने घटनास्थल का मुआयना किया है और मृतका का पोस्टमार्टम किया गया है। पांच आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ जारी है और जो भी नए सुराग सामने आए हैं, उनकी पुष्टि की जा रही है।

हुड्डा ने कहा कि पुलिस के पास इस बात के वैज्ञानिक सबूत हैं कि दीपक जिसने कार चलाने का दावा किया था, लेकिन कार वास्तव में अमित चला रहा था, जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। अब तक की जांच और कॉल डिटेल के अनुसार मृतक और चश्मदीद का आरोपियों से कोई संबंध नहीं था।

पुलिस ने कहा कि निधि (प्रत्यक्षदर्शी) का 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज किया गया है। हुड्डा ने पहले कहा था कि हत्या का मामला अभी तक नहीं बना है क्योंकि हत्या के लिए एक मकसद की जरूरत है लेकिन अब तक की जांच में कोई मकसद नहीं मिला है।

पीड़िता का पोस्टमॉर्टम मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) नई दिल्ली में तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार मृत्यु का अंतिम कारण सिर, रीढ़, बाएं फीमर, दोनों निचले अंगों में एंटीमोरम चोट के परिणामस्वरूप सदमा और रक्तस्राव था। चोटें संभावित वाहन दुर्घटना और घसीटने से उत्पन्न हुई थीं। साथ ही, रिपोर्ट में यह भी शामिल है कि यौन हमले की कोई चोट नहीं है।