बेंगलूरु। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने रविवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा हाल के चुनावों में दोहरे मतदान वाले आरोपों पर सवाल उठाते हुए एक नोटिस जारी किया है।
यह विवाद सात अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में गांधी द्वारा किए गए दावों से उत्पन्न हुआ है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि शकुन रानी नामक एक मतदाता ने दो बार वोट डाला था। अपने दावे के समर्थन में गांधी ने एक दस्तावेज प्रस्तुत किया था जिसे उन्होंने चुनाव आयोग का आधिकारिक रिकॉर्ड बताया। ये आधिकारिक रिकॉर्ड कथित रूप से मतदान केंद्र पर मतदान अधिकारी द्वारा जारी किया गया था।
हालांकि कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा की गई प्रारंभिक जांच ने इन आरोपों की सत्यता पर संदेह उत्पन्न कर दिया है। जांच से पता चला है कि गांधी द्वारा प्रदर्शित दस्तावेज़ जिस पर दोहरे मतदान का संकेत देने के लिए सही का निशान लगा है वह मतदान अधिकारी द्वारा जारी किया गया आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है।
इस मुद्दे को और जटिल बनाते हुए रानी ने स्वयं दो बार मतदान करने के आरोप से साफ इनकार किया है तथा जोर देकर कहा है कि उन्होंने चुनाव के दौरान केवल एक बार ही मतदान किया था।
इन आरोपों की गंभीरता एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अखंडता पर उनके संभावित प्रभावों को ध्यान में रखते हुए सीईओ कार्यालय ने राहुल को औपचारिक रूप से एक नोटिस जारी किया है जिसमें उनसे अपने दावे के समर्थन में मूल दस्तावेज़ या कोई अन्य प्रासंगिक साक्ष्य प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया है। यह कदम कार्यालय को मामले की विस्तृत, निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सीईओ कार्यालय ने गांधी से आग्रह किया है कि अनुरोध किया गया दस्तावेज शीघ्र प्रस्तुत करें और पूर्ण सहयोग दें तथा इस बात पर बल दिया कि केवल सटीक एवं सत्यापन योग्य साक्ष्य के आधार पर ही कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जा सकती है।
अपने नोटिस में सीईओ कार्यालय ने चुनावी कदाचार से संबंधित सार्वजनिक आरोप लगाते समय जिम्मेदारी एवं सटीकता के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि निराधार या अप्रमाणित दावे लोकतांत्रिक संस्थाओं एवं प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता को कमजोर कर सकते हैं जिससे चुनावी प्रणाली में जनता का विश्वास कम हो सकता है।
सीईओ कार्यालय ने सभी राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए अपने सार्वजनिक बयानों में पारदर्शिता एवं सच्चाई बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया है और कहा है कि लोकतांत्रिक संवाद तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। कर्नाटक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जनता को आश्वासन दिया है कि आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने के बाद एक व्यापक एवं निष्पक्ष जांच की जाएगी।