बेंगलूरु। कर्नाटक में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में राज्य के मंत्री केएन राजन्ना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की उनके इस्तीफे की सिफारिश को मंज़ूरी दे दी।
राजन्ना के इस्तीफे का यह घटनाक्रम कांग्रेस नेता सांसद राहुल गांधी के मतदाता सूची में छेड़छाड़ के दावों पर सवाल उठाने वाली टिप्पणी पर राजनीतिक बवाल मचने के कुछ घंटों बाद आया है।
इससे पहले सिद्दारमैया के करीबी मंत्री ने यह कहकर अपनी ही पार्टी में विवाद खड़ा कर दिया था कि मतदाता सूची में संशोधन, जिसमें महादेवपुरा का कथित कदाचार केंद्र भी शामिल है, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था। राजन्ना ने कहा कि हमने तब आंखें क्यों मूंद लीं? यह सच है कि अनियमितताएं हुई हैं, लेकिन वे हमारी नाक के नीचे हुईं। राजन्ना की इस टिप्पणी को व्यापक रूप से गांधी के इस कथन को सीधी चुनौती के रूप में देखा गया कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलीभगत की थी।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राजन्ना के बयान को अक्षम्य बताया और महत्वपूर्ण जिला और तालुका पंचायत चुनावों से पहले उन पर पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता की जांच अभी जारी है। उससे पहले इस तरह की नकारात्मक बातें पार्टी को नुकसान पहुंचाने के अलावा और कुछ नहीं हैं।
इस बीच भाजपा ने इस घटना को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। महादेवपुरा के पूर्व विधायक अरविंद लिंबावली ने राजन्ना के बयान को मतदाता सूची में हेराफेरी के विपक्ष के दावों की पुष्टि बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपनी आंखें खोलनी चाहिए। उनके अपने सहयोगी भी हमसे सहमत हैं। मैं जल्द ही नई दिल्ली में एक विस्तृत प्रस्तुति दूंगा।