गोरक्षपीठाधीश्वर को महंत योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले चढ़ाई खिचड़ी

गोरखपुर। गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ बतौर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा मकर संक्रन्ति के अवसर पर रविवार को तडके सूर्य मकर राशि में प्रवेश होने पर शिवावतारी बाबा गोरक्षनाथ को सबसे पहले खिचड़ी चढ़ाई और साथ ही पडोसी देश नेपाल के राज परिवार द्वारा भेजी गई खिचडी चढाई गई जिसके बाद मंदिर का मुख्य कपाट खिचडी चढाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।

शनिवार की रात से कतार में लगे श्रद्धालुओं का तांता शिवावतारी बाबा गोरखनाथ को खिचडी चढाना शुरू कर दिया तथा जनसैलाब उमड पडा। मंदिर प्रशासन द्वारा बनाए गए लम्बी-लम्बी कतारों में अमीर, गरीब, जाति, धर्म के भेद भाव को मिटाते हुए सभी एक मानव के रूप में जमा रहे। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्ययमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर परिसर में लगे 40 सीसीटीवी कैमरे के कंट्रोल रूम से बैठकर पूरी व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं।

कोविड के कारण पिछले दो साल आंशिक प्रतिबंध में बाबा गोरखनाथ को खिचडी चढाई गई थी और इस वर्ष तमाम प्रतिबंधों से मुक्त वातावरण में श्रद्धालू खिचडी चढा रहे हैं। गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारका तिवारी ने बताया कि तडके से दोपहर 12 बजे तक तक लगभग पांच श्रध्दालुओं ने खिचडी चढा चुके हैं और देर रात तक लगभग 20 लाख ये अधिक बाबा गोरखनाथ को खिचडी चढाने का अनुमान हैं।

खिचड़ी चढ़ाने के लिये पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात तथा अन्य प्रान्तों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब गोरखनाथ मंदिर में एकत्र होते हैं। प्रतिवर्ष 14 या 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही नाथ सम्प्रदाय के प्रसिद्ध शिवावतारी गोरक्षनाथ मंदिर में परम्परागत रूप से खिचड़ी चढ़ीने का क्रम शुरू हो जाता है। निर्धारित मुहूर्त में सबसे पहले गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा खिचड़ी चढ़ायी जाती है।

श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित भीम सरोवर में पहले स्नान करते हैं और उसके बाद योगी गोरखनाथ का दर्शन करने के बाद खिचड़ी चढ़ाते हैं। इस भीम सरोवर में देश के सभी पवित्र नदियों का पानी डाला गया है। मकर संक्रांति के तैयारियों के सिलसिले में शहर के चौराहों तथा गलियों में चूड़ा, लाई, पट्टी, तिलकुट तथा गजक की दुकानें सजी है। मकर संक्रान्ति का पर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार तथा पड़ोसी देश नेपाल में यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

आगरा का तिल ,लड्डू बिहार का तिलकुट, बंगाल का रामदाना, कानपुर की गजक एवं लखनऊ की रेवड़ी इस बार लोगों को खूब भा रही है। परम्परागत वस्तुओं के साथ ही साथ इस समय सजावटी सामानों की भी भरमार है।