31 अक्टूबर को होगा, आज़ादी का अमृत महोत्सव का समापन : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज घोषणा की कि इस वर्ष 31 अक्टूबर को एकता दिवस के मौके पर आज़ादी के अमृत महोत्सव का समापन होने के साथ ही एक बहुत बड़े राष्ट्रव्यापी संगठन मेरा युवा भारत की नींव रखी जाएगी जो नौजवानों को राष्ट्रनिर्माण के विभिन्न आयोजनों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगा।

मोदी ने यहां आकाशवाणी पर अपने नियमित मासिक कार्यक्रम मन की बात की 106वीं कड़ी में यह घोषणा की। मोदी ने कहा कि 31 अक्टूबर का दिन हम सभी के लिए बहुत विशेष होता है। इस दिन हमारे लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म-जयंती मनाते हैं। हम भारतवासी, उन्हें, कई वजहों से याद करते हैं, और श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। सबसे बड़ी वजह है – देश की 580 से ज्यादा रियासतों को जोड़ने में उनकी अतुलनीय भूमिका।

उन्होंने कहा कि हम जानते हैं हर साल 31 अक्टूबर को गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर एकता दिवस से जुड़ा मुख्य समारोह होता है। इस बार इसके अलावा दिल्ली में कर्तव्य पथ पर एक बहुत ही विशेष कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश के हर गांव से, हर घर से मिट्टी संग्रह करने का आग्रह किया गया था।

हर घर से मिट्टी संग्रह करने के बाद उसे कलश में रखा गया और फिर अमृत कलश यात्राएं निकाली गईं। देश के कोने-कोने से एकत्रित की गई ये माटी, ये हजारों अमृत कलश यात्राएं अब दिल्ली पहुंच रही हैं। यहां दिल्ली में उस मिट्टी को एक विशाल भारत कलश में डाला जाएगा और इसी पवित्र मिट्टी से दिल्ली में ‘अमृत वाटिका’ का निर्माण होगा। यह देश की राजधानी के हृदय में अमृत महोत्सव की भव्य विरासत के रूप में मौजूद रहेगी।

प्रधानमंत्री ने कहाअ कि 31 अक्टूबर को ही देशभर में पिछले ढ़ाई साल से चल रहे आजादी के अमृत महोत्सव का समापन होगा। आप सभी ने मिलकर इसे दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाले महोत्सव में से एक बना दिया। अपने सेनानियों का सम्मान हो या फिर हर घर तिरंगा, आजादी के अमृत महोत्सव में, लोगों ने अपने स्थानीय इतिहास को, एक नई पहचान दी है। इस दौरान सामुदायिक सेवा की भी अद्भुत मिसाल देखने को मिली है।

मोदी ने कहा कि मैं आज आपको एक और खुशखबरी सुना रहा हूं, विशेषकर मेरे नौजवान बेटे-बेटियों को, जिनके दिलों में देश के लिए कुछ करने का जज़्बा है, सपने हैं, संकल्प हैं। ये खुशखबरी देशवासियों के लिए तो है ही है, मेरे नौजवान साथियो आपके लिए विशेष है। दो दिन बाद ही 31 अक्टूबर को एक बहुत बड़े राष्ट्रव्यापी संगठन की नींव रखी जा रही है और वो भी सरदार पटेल की जन्मजयन्ती के दिन। इस संगठन का नाम है – मेरा युवा भारत, यानी माईभारत संगठन।

यह संगठन भारत के युवाओं को राष्ट्रनिर्माण के विभिन्न आयोजनों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा। उन्होंने कहा कि ये, विकसित भारत के निर्माण में भारत की युवा शक्ति को एकजुट करने का एक अनोखा प्रयास है। ‘मेरा युवा भारत’ की वेबसाइट माईभारत भी शुरू होने वाली है। मैं युवाओं से आग्रह करूंगा, बार-बार आग्रह करूंगा कि आप सभी मेरे देश के नौजवान, आप सभी मेरे देश के बेटे-बेटी माईभारत डॉट जीओवी डॉट इन पर रजिस्टर करें और विभिन्न कार्यक्रम के लिए साइन अप करें।

मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि भी है। मैं उन्हें भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

मानसिक दिव्यांग खिलाड़ियों के घर जा कर उत्साह वर्धन करें

मोदी ने एशियाई खेलों एवं पैरा एशियाई खेलोें में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी है और स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स में भारत के लिए दो सौ से अधिक पदक जीतने वाले मानसिक रूप से दिव्यांग खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए लोगों से अपील की है कि वे ऐसे प्रेरक खिलाड़ियों का भरपूर उत्साह वर्धन करें।

मोदी ने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में, इस समय देश में खेलों का भी परचम लहरा रहा है। पिछले दिनों एशियाई खेलों के बाद पैरा एशियाई खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की है। इन खेलों में भारत ने 111 मेडल जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। वह पैरा एशियाई खेलों में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपका ध्यान स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स की ओर भी ले जाना चाहता हूं। इसका आयोजन बर्लिन में हुआ था। ये प्रतियोगिता हमारे मानसिक दिव्यांग एथलीटों की अदभुत क्षमता को सामने लाती है। इस प्रतियोगिता में भारतीय दल ने 75 स्वर्ण पदकों सहित 200 पदक जीते। रोलर स्केटिंग हो, बीच वॉलीबॉल हो, फुटबॉल हो, या टेनिस, भारतीय खिलाड़ियों ने पदकों की झड़ी लगा दी।

श्री मोदी ने इन पदक विजेताओं की जीवन यात्रा की प्रेरणाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हरियाणा के रणवीर सैनी ने गोल्फ में स्वर्ण पदक जीता है। बचपन से ही ऑटिज़्म से जूझ रहे रणवीर के लिए कोई भी चुनौती गोल्फ को लेकर उनके जुनून को कम नहीं कर पाई। उनकी माँ तो यहाँ तक कहती हैं कि परिवार में आज सब गोल्फर बन गए हैं।

पुडुचेरी के 16 साल के टी-विशाल ने चार पदक जीते। गोवा की सिया सरोदे ने पावरलिफ्टिंग में 2 स्वर्ण पदक सहित चार पदक अपने नाम किये। 9 साल की उम्र में अपनी माँ को खोने के बाद भी उन्होंने खुद को निराश नहीं होने दिया। छत्तीसगढ़ के दुर्ग के रहने वाले अनुराग प्रसाद ने पावरलिफ्टिंग में तीन स्वर्ण और एक सिल्वर पदक जीता है। ऐसे ही प्रेरक गाथा झारखंड के इंदु प्रकाश की है, जिन्होंने साइकिलिंग में दो पदक जीते हैं। बहुत ही साधारण परिवार से आने के बावजूद, इंदु ने गरीबी को कभी अपनी सफलता के सामने दीवार नहीं बनने दिया।

प्रधानमंत्री ने कहाकि मुझे विश्वास है कि इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सफलता मानसिक दिव्यांगता का मुकाबला कर रहे अन्य बच्चों और परिवारों को भी प्रेरित करेगी। मेरी आप सब से भी प्रार्थना है आपके गांव में, आपके गांव के अगल-बगल में, ऐसे बच्चे, जिन्होंने इस खेलकूद में हिस्सा लिया है या विजयी हुए हैं, आप सपरिवार उनके साथ जाइए। उनको बधाई दीजिये। और कुछ पल उन बच्चों के साथ बिताइए। आपको एक नया ही अनुभव होगा। परमात्मा ने उनके अन्दर एक ऐसी शक्ति भरी है आपको भी उसके दर्शन का मौका मिलेगा।

मोदी ने यह भी कहा कि देश में 31 अक्टूबर सरदार पटेल की जयंती, एकता के दिवस के रूप में मनायी जाती है, देश के अनेक स्थानों पर रन फॉर यूनिटी के कार्यक्रम होते है, आप भी 31 अक्टूबर को रन फॉर यूनिटी के कार्यक्रम को आयोजित करें। बहुत बड़ी मात्रा में आप भी जुडें, एकता के संकल्प को मजबूत करें।

मोदी ने इसके अलावा गुजरात के तीर्थक्षेत्र अंबाजी मंदिर के समीप गब्बर पर्वत के रास्ते में विभिन्न प्रकार की योग मुद्राओं और आसनों की कबाड़ से बनी प्रतिमाएं तथा असम के कामरूप जिले में अक्षर फोरम नाम के एक स्कूल के बच्चों द्वारा प्लास्टिक कचरा जमा करके उसका उपयोग पर्यावरण अनुकूल ईटें और चाबी की चेन जैसे सामान बनाने में करने का उल्लेख किया तथा विद्यार्थियों को पुनर्चक्रण और प्लास्टिक कचरे से उत्पाद बनाने की शिक्षा देने की सराहना करते हुए कहा कि ये उदाहरण लाेगों को ‘कबाड़ से समृद्धि’ अभियान के लिए प्रेरित करेगा। मोदी ने महान कृष्णभक्त संत मीराबाई की 525वीं जन्म-जयंती के अवसर पर उन्हें नमन किया।