महाराष्ट्र के बीड में मराठा आंदोलन हुआ हिंसक, धारा 144 लागू

बीड। महाराष्ट्र के बीड जिले में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा आंदोलनकारियों का आंदोलन हिंसक होने के कारण प्रशासन ने सोमवार को शहर और जिले में प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ प्रत्येक तालुका मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी तक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी।

बीड शहर की जिला कलेक्टर दीपा मुधोल मुंडे के आदेश पर सोमवार को शहर में हुए आंदोलन और हिंसक घटना के कारण बीड शहर के साथ-साथ तालुका मुख्यालय से पांच किलोमीटर तक के निकटवर्ती क्षेत्र में धारा 144 (कर्फ्यू) लगा दी गई।

बीड में गुस्साई भीड़ ने कथित तौर पर उस बंगले में आग लगा दी, जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) विधायक संदीप क्षीरसागर और जयदत्त क्षीरसागर रहते हैं। इससे पहले, मराठा प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने कथित तौर पर केएसके कॉलेज के कार्यालय में आग लगा दी थी, कॉलेज का स्वामित्व क्षीरसागर परिवार के पास है। ऐसी ही एक अन्य घटना में, प्रदर्शनकारियों ने बीड में राकांपा कार्यालय को कथित तौर पर आग लगा दी।

इसके अलावा प्रदर्शनकारियों द्वारा होटलों और राजनीतिक दलों से जुड़े संगठनों के दफ्तरों में आग लगाने की घटनाएं भी सामने आई हैं। जिले में प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर विधायक प्रकाश सोलुंके के घर पर पथराव किया और आग लगा दी। बीड जिले में, परली-बीड के साथ-साथ धुले-सोलापुर और अब कल्याण-विशाखापत्तनम राजमार्ग भी एहतियात के तौर पर यातायात के लिए बंद कर दिए गए हैं।

भाजपा विधायक लक्ष्मण पवार ने इस्तीफा दिया

महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक लक्ष्मण पवार ने सोमवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। एक ओर जहां राज्य में मराठा आरक्षण आंदोलन उग्र है, वहीं आंदोलनकारी विधायकों-सांसदों और जन प्रतिनिधियों से इस्तीफा मांग रहे हैं। मराठा आरक्षण को लेकर राज्य में यह दूसरा इस्तीफा है। हिंगोली सांसद हेमंत पाटिल के बाद आज गेवराई से भाजपा विधायक लक्ष्मण पवार ने भी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।

पवार ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के आरक्षण का मुद्दा कई सालों से लंबित है। इस मुद्दे पर सामुदायिक भावनाएं बहुत मजबूत हैं और मैं इस मराठा आरक्षण का समर्थन करता हूं।

उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र में कहा कि मैं मराठा आरक्षण के लिए अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं कई वर्षों से मराठा समाज, किसानों के लिए लड़ने वाला कार्यकर्ता रहा हूं। उन्होंने कहा, मैं आरक्षण आंदोलन का समर्थन करता हूं और आरक्षण के लिए अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।