विजय शाह मामले में केंद्रीय नेतृत्व ने लिया संज्ञान, शर्मा ने किया तलब

भोपाल। मध्यप्रदेश के जनजातीय कल्याण मंत्री विजय शाह का ऑपरेशन सिंदूर और सेना की महिला अधिकारी के परिप्रेक्ष्य में विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने उनसे मंत्री पद से त्यागपत्र की मांग की है और कहा कि यदि वे इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

वहीं भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने शाह को तलब कर उन्हें सख्त नसीहत दी है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि शाह ने इस मामले में माफी मांग ली है। इस बीच भोपाल के एक कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला अपने समर्थकों के साथ यहां शाह के सरकारी आवास पर पहुंचे और उनके विरोध में नारेबाजी करते हुए मुख्य द्वार पर लगी नाम पट्टिका पर कालिख फेंक दी। उन्होंने आवास के मुख्य द्वार पर भी काला रंग फेंक दिया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शाम को पत्रकारों से चर्चा में कहा कि शाह ने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लक्ष्य करके बयान दिया है। यह सेना के साथ ही देश की बेटियों का भी अपमान है। पटवारी ने मंत्री शाह के बयान को अशोभनीय और नफरत वाला बताते हुए कहा कि इसकी देश भर में निंदा हो रही है। मंत्री ने महिला सैन्य अधिकारी को लेकर जो कहा, वो घोर अपमानजनक है।

पटवारी ने कहा कि शाह को पहले भी महिलाओं संबंधी अभद्र टिप्पणियों के चलते मंत्रिमंडल से हटाया गया था। मौजूदा स्थिति में श्री शाह को मंत्री पद से त्यागपत्र देना चाहिए और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं कि शाह को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने इस मामले को लेकर भाजपा को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि उसे स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह भी शाह के बयान से सहमत है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी शाह के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि उन्हें मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर रहने का अधिकार नहीं है।

दरअसल दिन में मंत्री विजय शाह का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे मंच से संबोधित करते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बने हालातों के परिप्रेक्ष्य में कर्नल सोफिया कुरैशी के संदर्भ में बोल गए। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी लिया और वे निम्न स्तरीय भाषा और शब्दों का उपयोग करते दिखे।

अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा और विवादों में रहने वाले व जनजातीय समुदाय से आने वाले शाह का यह बयान इंदौर जिले के महू विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम का बताया गया है। उसमें वे सार्वजनिक मंच से संबोधन दे रहे हैं और भाजपा की एक महिला नेता ऊषा ठाकुर समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

शाह की ओर से उपयोग किए गए शब्द लिखने योग्य भी नहीं हैं। शाह कहते हुए सुने जा रहे हैं, “…..जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे…हमने उन्हीं की बहन भेजकर…..” मंत्री शाह इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हुए। वे पहले भी अनेक बार विवादास्पद बयान दे चुके हैं।

उनके बयान के बाद प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसकी सरकार बैकफुट पर नजर आयी। इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने उन्हें तलब किया और इस संबंध में लगभग फटकार लगाते हुए समझाइश दी। बयान वायरल होते ही केंद्रीय संगठन ने भी इस मामले में जानकारी जुटाई।

इसके बाद शाह ने कुछ सेकंड का एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे महिला सैन्य अधिकारी का पूरा सम्मान करते हैं और उनके बारे में गलत सोच भी नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में उनके बयान को गलत ढंग से नहीं लिया जाए। शायद मैं उत्साह में कुछ कह गया हूं। शाह ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि यदि उनकी बात से किसी को कुछ गलत लगा है, तो वे माफी मांगते हैं।