काठमांडू। नेपाल में भ्रष्टाचार के विरोध और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर हुए उग्र प्रदर्शन सेना के सड़कों पर आने के बाद बुधवार को रूक गए। सेना ने तोड़फोड़ करने वाले प्रदर्शनकारियों को पहले चेतावनी जारी की और बाद में देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है।
कांतिपुर समाचार पत्र ने बताया कि सेना और सुरक्षा बलों के जवानों के सड़क पर उतर आने के बाद राजधानी काठमांडू सहित अन्य जगहों पर स्थिति नियंत्रण में आती दिखी। हालात में सुधार को देखते हुए देश का प्रमुख त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 24 घंटे के बाद दोबारा खोल दिया गया। नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि विमानन सुरक्षा प्रबंधन समिति की बैठक के निर्णय के अनुसार परिचालन फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
इससे पहले सेना ने बुधवार सुबह एक पत्र जारी कर नागरिकों से शांति बनाए रखने का आह्वान करते हुये कहा कि चूंकि आंदोलन के नाम पर कई अराजक तत्व निजी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इसलिए शांति सुरक्षा व्यवस्था के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगाया जाता है।
सेना ने अराजकता फैलाने वाले तत्वों की गिरफ्तारी करनी शुरु कर दी है। नेपाली सेना ने महाराजगंज के भटभटेनी सुपरमार्केट में हुई डकैती में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही अवैध हथियारों की बरामदगी का काम तेजी से शुरु किया गया है। सेना ने यह भी पुष्टि की है कि काठमांडू के दिल्ली बाज़ार स्थित केंद्रीय कारागार से भागने की एक कोशिश नाकाम कर दी गई। सेना के अधिकारियों ने कहा कि उनका सुरक्षा अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी भगोड़े कैदियों और लूट गये हथियारों का पता नहीं चल जाता।
सेना ने देश में फंसे विदेशी नागरिकों की मदद के लिए भी एक विशेष अभियान शुरु कर दिया है। इन लोगों को जवानों की मदद से उनके सुरक्षित स्थानों और हवाई अड्डे तक पहुंचाने में मदद की जा रही है।
उधर, अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार कई घायलों को अब घर वापस भेज दिया गया है। पुलिस कार्रवाई में दस लोग बुरी तरह जख्मी हुये थे। इनमें से दो की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है जबकि आठ अब पहले से बेहतर हैं। गौरतलब है कि इन प्रदर्शनों में 30 युवा मारे गए थे और करीब 350 घायल हुए थे।
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों की पिटाई से दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी है। पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता, बिनोद घिमिरे ने बताया कि महाराजगंज पुलिस में कार्यरत पुलिस उप निरीक्षक मिलन राय और उत्तम राय की मौत हो गयी है।
इस बीच देश की कुछ जेलों से बुधवार को भी कैदियों के भागने की घटनाएं भी सामने आईं। सिंधुली जेल में आगजनी और तोड़फोड़ करने के बाद 471 कैदी फरार हो गए हैं। कैदियों के विरोध प्रदर्शन और आगजनी के कारण सुरक्षाकर्मी स्थिति को संभाल नहीं पाए। जेल अब वीरान है। कल करीब डेढ़ हजार कैदी जेल से फरार हो गए थे।
गौरतलब है कि नेपाल सरकार के सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने और भ्रष्टाचार के कारण नाराज युवा सोमवार को सड़कों उतर आए थे। जेन जेड नाम के इस आंदोलन की आग केवल 48 घंटे में इतनी तेजी से भड़की कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सरकार का पतन हो गया।
‘जेनरेशन जेड’ आंदोलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 30
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर हुए उग्र प्रदर्शन में मृतकों की संख्या बुधवार को बढ़कर 30 हो गई जबकि 1,033 लोग घायल हो गये जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कांतिपुर समाचार पत्र ने स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से देर शाम यह जानकारी दी। इसमें बताया गया है कि आंदोलन में कुल मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 30 हो गया है। देश भर के 28 अस्पतालों में घायल 1,033 मरीज़ों का उपचार किया जा रहा है। जबकि 713 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।
भारतीय दूतावास ने की नेपाल में फंसी भारतीय युवती की मदद
नेपाल में भारतीय दूतावास ने उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच फंसी भारतीय युवती उपासना गिल से संपर्क कर उसे जरूरी मदद पहुंचाई है। इस युवती ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने उस होटल में आग लगा दी जहां वह ठहरी हुई थी। उसने कहा था कि प्रदर्शनकारी उनके पीछे लाठी तथा डंडे लेकर दौड़ रहे हैं और उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई है। युवती ने वीडियो में भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। उसने बताया कि वह वॉलीबाल लीग से संबंधित एक आयोजन के सिलसिले में काठमांडू गई थी।
इसके बाद विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उसे भारतीय दूतावास के माध्यम से मदद पहुंचाई गई है। पोस्ट में कहा गया है कि हम सूचित करना चाहते हैं कि नेपाल स्थित हमारे दूतावास ने संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया है और आवश्यक सहायता प्रदान की है। भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन संपर्क नंबर: 977 – 980 860 2881 और 977 – 981 032 6134 हैं और वे इन नम्बरों पर संपर्क कर सकते हैं।