जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थानी प्रवासियों से अपील करते हुए कहा है कि ज्ञान और विकास की इस यात्रा में अपनी प्रतिभा को मातृभूमि के विकास से जोड़ें ताकि राजस्थान देश में सिरमौर बन सके।
शर्मा प्रवासी राजस्थान दिवस के अवसर पर बुधवार को सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के तहत आयोजित शिक्षा क्षेत्र में अवसर, निवेश एवं चुनौतियों पर आयोजित विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा और उद्यमशीलता का लोहा मनवाया है। प्रवासी राजस्थानियों का अनुभव, विशेषज्ञता और मार्गदर्शन राज्य के युवाओं को विश्वस्तरीय अवसरों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का देश एवं प्रदेश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। 21वीं सदी में ज्ञान ही पूंजी है। यह हमारे युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, कौशल, नवाचार और अनुसंधान आधुनिक अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख स्तंभ हैं और इन्हें मजबूत कर हम अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व गति दे सकते हैं। आज हमारा प्रदेश इन सभी क्षेत्रों में अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। बारहवीं कक्षा के तुरंत बाद राज्य के युवाओं के लिए कौशल उन्नयन और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से अर्ली कैरियर प्रोग्रामए टेकबी शुरू किया है। साथ ही, स्कूली छात्रों में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आई.स्टार्ट कार्यक्रम का विस्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप पॉलिसी, अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलरेटर, एवीजीसी- एक्सआर पॉलिसी, सेंटर फॉर एडवांस्ड स्किलिंग, स्टेट स्किल पॉलिसी जैसे अनेक निर्णयों से युवाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोले गए हैं।
केंद्रीय वन एवंं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में सदैव अग्रणी रहा है। स्कूल शिक्षा में अजमेर, तकनीकी शिक्षा में पिलानी, कोचिंग संस्थानों में कोटा जैसे शहर आज देशभर में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को प्रोडक्ट के बजाय पर्सनेलिटी बनाने पर जोर दिया गया है और राजस्थान में विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण व उनमें मानवीय गुणों के विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री डा प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किए जा रहे हैं। राजस्थान की अर्थव्यवस्था ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रही है।
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षा नागरिक का निर्माण करती है, वर्तमान में संस्कारयुक्त व मानवीय मूल्यों से युक्त शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने सत्र के दौरान उपस्थित प्रवासी राजस्थानियों व भामाशाहों से शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की अपील करते हुए कहा कि आपके सहयोग से देश को अच्छे नागरिक मिल सकते हैं। शिक्षा में निवेश देश के भविष्य में निवेश है। उन्होंने प्रदेश के विद्यालयों में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं व गतिविधियों की जानकारी दी।



