Home Breaking सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए दोबारा नियुक्त होंगे 57,000 जवान

सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए दोबारा नियुक्त होंगे 57,000 जवान

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सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए दोबारा नियुक्त होंगे 57,000 जवान
57000 Army soldiers to be redeployed, says Defence Minister Jaitley
57000 Army soldiers to be redeployed, says Defence Minister Jaitley
57000 Army soldiers to be redeployed, says Defence Minister Jaitley

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि आजादी के बाद सेना में सबसे बड़ा सुधार करते हुए सेना में पुर्नसतुलन स्थापित करने के उद्देश्य से 57,000 जवानों को दोबारा नियुक्त किया जाएगा।

रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकटकर (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित समिति की कुल 99 सिफारिशों में से 2019 तक 65 सिफारिशें लागू कर दी जाएंगी।

रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को यह फैसला लिया और बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल को इसकी सूचना दी। जेटली ने कहा कि इन ‘दूरगामी’ सिफारिशों को लागू करने का काम तत्काल शुरू किया जाएगा।

लागू की जाने वाली सिफारिशों में ब्रिटिश शासन से चली आ रही प्रणाली की पुर्नसरचना के काम जैसे – सिग्नल्स एवं इंजीनियरिंग कॉर्प्स तथा ऑर्डनेंस इकाइयों का पुनर्गठन, कुछ इकाइयों का विलय तथा मिलिट्री फॉर्म्स को बंद करना शामिल हैं।

जेटली ने कहा कि इस समिति का गठन सशक्त बलों की मारक क्षमता बढ़ाने तथा रक्षा पर होने वाले खर्च के पुर्नसतुलन की सिफारिशें देने के लिए किया गया था.. ताकि सीमा पर जंग में सीधे हिस्सा लेने वाले सैनिकों और उन्हें लॉजिस्टिक्स की आपूर्ति एवं अन्य मदद मुहैया कराने वाले सैनिकों के बीच के अनुपात (टूथ टू टेल रेशियो) में सुधार किया जा सके।

जेटली ने कहा कि इसका सम्मिलित असर यह होगा कि सेना में विभिन्न कार्यो में लगे जवानों का बदली हुई परिस्थितियों में कैसे सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जा सकता है। कई दूरगामी सिफारिशें की गई हैं, उदाहरण के लिए क्या हमें अब मिलिट्री फॉर्म्स की जरूरत रह गई है? आधुनिक प्रौद्योगिकी के जमाने में क्या हमें सेना में अलग से डाक विभाग रखने की जरूरत है?

जेटली ने कहा कि इन्हीं सिफारिशों के अनुसार सेना में 57,000 जवानों, जेसीओ और अन्य रैंक के कर्मियों की नए सिरे से तैनाती की जाएगी।

जेटली ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा सशक्त बलों में सुधारों को दी गई मंजूरी का चीन के साथ हुए डोकलाम विवाद का कोई संबंध नहीं है।

जेटली ने यहां कहा कि डोकलाम विवाद से काफी पहले सश बलों में सुधारों को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल डी. बी. शेकटकर (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी और इस समिति की सिफारिशों पर लंबे समय से विचार-विमर्श चल रहा था।

जेटली ने हालांकि डोकलाम विवाद से पड़े प्रभाव पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर पहले ही प्रतिक्रिया दे चुका है।

जेटली ने कहा कि इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा। विदेश मंत्रालय पहले ही इस पर विस्तार से प्रतिक्रिया दे चुका है और वही सरकार का आधिकारिक पक्ष है।

शेकटकर समिति की सिफारिशों के तहत किए जा रहे सुधार कार्य के तहत सेना के 39 फार्म बंद किए जाएंगे, जिनमें से कुछ पहले ही बंद किए जा चुके हैं, और इन जमीनों को डिफेंस एस्टेट ऑफिस में तब्दील किया जाएगा, जो बाद में सेना की विभिन्न इकाइयों को उस समय मिली मंजूरियों और आकार के आधार पर भूमि मुहैया कराएगा।