Home Delhi यू-ट्यूब का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं बच्चे : रिपोर्ट

यू-ट्यूब का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं बच्चे : रिपोर्ट

0
यू-ट्यूब का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं बच्चे : रिपोर्ट
76 percent underage indian kids use youtube : assocham report
76 percent underage indian kids use youtube : assocham report
76 percent underage indian kids use youtube : assocham report

नई दिल्ली। बहुचर्चित सोशल नेटवर्किंग साइट यू-ट्यूब का सर्वाधिक उपयोग करने वालों में सबसे ज्यादा बच्चे हैं। एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा किए एक ताजा सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

एसोचैम के सामाजिक विकास फाउंडेशन द्वारा किए गए ताजा सर्वेक्षण से पता चला है कि यू-ट्यूब का प्रयोग करने वाले लोगों में से 76 प्रतिशत बच्चे 07 साल से 13 साल के हैं। केंद्र सरकार के सख्त मानदंड़ों, जिसमें 13 साल से कम उम्र के बच्चों का किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है।

इसके बावजूद सर्वेक्षण से पता चला है कि यह संख्या टियर-वन एवं टियर-टू शहरों में सबसे ज्यादा है, जहां 07 से 13 साल के बीच के बच्चे हर रोज यू-ट्यूब लॉग इन करते हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार 12 साल से 17 साल तक के 95 प्रतिशत बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इसमें देश में कुल 72 प्रतिशत लोगों के मुकाबले 81 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया का प्रयोग करते है।

72 प्रतिशत बच्चे हर दिन सोशल मिडिया में लॉग इन करते हैं। सोशल मीडिया में 13 साल तक के 76 प्रतिशत बच्चों के खाते हैं। 13 साल तक के 76 प्रतिशत बच्चों के यू-ट्यूब में खाते हैं, वहीं 51 प्रतिशत बच्चों के पास स्मार्ट फोन है। 35 प्रतिशत बच्चे लैपटॉप पर तो 32 प्रतिशत बच्चे टेबलेट पर अपनी पसंदीदा साइट देखते हैं।

एसोचैम के यह आंकड़े दुखी और परेशान करने वाले हैं क्योंकि इससे बच्चों पर साइबर अपराध और कम उम्र में ऑनलाइन यौन शोषण का नाकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि यू-ट्यूब पर 18 वर्ष के बाद ही कोई खाता बना सकता है, लेकिन माता-पिता की मर्जी से पांच साल तक का बच्चा यूट्यूब पर जा सकता है।

सर्वेक्षण में बताया गया है कि उम्र पर साफ तौर पर प्रतिबंध होने के बावजूद 07-13 साल तक के बच्चे माता-पिता की जानकारी और उनकी आज्ञा से सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। यू- ट्यूब पर बच्चे सबसे ज्यादा गानों के वीडियो देखते हैं, जिसकी संख्या 69 प्रतिशत है।

एसोचैम के सामाजिक विकास फाउंडेशन द्वारा किए गए सर्वेक्षण में देश के बड़े शहरों में रहने वाले 06 से 13 तक के बच्चों के 4,750 माता-पिता को शामिल किया गया था। इसमें से 75 प्रतिशत माता-पिता को इस बात की जानकारी है कि उनके बच्चे यू-ट्यूब देखते हैं।

सर्वेक्षण को जारी करते हुए एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि बहुत कम उम्र में ही बच्चे विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रयोग कर रहे है, जिससे वह उस प्रकार की चीजों से रूबरू होते हैं, जो उनकी उम्र और समझ से कहीं परे हैं।

सर्वेक्षण से पता चलता है कि बच्चों की प्रौद्योगिकी की लत के पीछे सबसे बड़ा कारण  प्रौद्योगिकी की आसान उपलब्धता और माता-पिता की देखरेख की कमी है। इसके साथ ही यह भी पता चला है कि वह बच्चे जिनके माता-पिता दोनों कामकाजी होते हैं, उन्हें इन साइट की ज्यादा लत होती है।

यह नतीजे देश के बड़े शहरों के है, जहां ज्यादातर माता-पिता कामकाजी होते हैं। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों के साथ वास्तविक और पारदर्शिता से बातचीत कंरे ताकि उन पर साइबर साइट का नकारात्मक प्रभाव न पड़ सके।

एसोचैम के स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष डॉ बीके राव का मानना है कि किशोरों में सोशल नेटवर्किंग साइट के उपयोग और अनुभवों की कमी होती है, जिससे कम उम्र में साइबर अपराध और ऑनलाइन यौन शोषण का खतरा पैदा हो जाता है।

सर्वेक्षण में पाया गया है कि विकासशील देशों में बच्चे कम्प्यूटर का अत्याधिक इस्तेमाल करते हैं। विकसित देशों में जहां बच्चे औसतन एक हफ्ते में 08 घंटे कम्प्यूटर  का प्रयोग करते हैं, वहीं विकासशील देशों में बच्चे एक हफ्ते में 12-14 घंटे कम्प्यूटर का प्रयोग कर रहे हैं।