पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में ‘गांधी कथा वाचन और बापू आपके द्वार’ कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए गांधी कथा वाचन कर बच्चों को गांधी के संदर्भ की कहानियां सुनाई तथा बाद में पंगत में बैठकर भोजन किया। इस दौरान बच्चों ने भी गांधी से जुड़ी दो कहानियों का पाठ किया।
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष समारोह के दूसरे चरण की शुरुआत के तहत ‘गांधी कथा वाचन और बापू आपके द्वार’ कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें महात्मा गांधी के विचारों को अपनाने और सीखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई परंतु उनके विचारों की हत्या नहीं की जा सकी। उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचारों से ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश की आजादी के लिए कई वीरों ने अपनी जान की बाजी लगा दी परंतु अहिंसा का सिद्धांत लेकर गांधी ही आजादी की लड़ाई में कूदे और फिर आजादी मिली।
मुख्यमंत्री ने गांधी के बिहार आगमन की चर्चा करते हुए कहा कि ठीक एक सौ साल पहले गांधी जी बिहार आए और यहां के किसानों की लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या का सिर्फ समाधान ही गांधी जी ने नहीं किया बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षाा एवं सफाई के लिए लोगों को काफी प्रेरित किया। गांधी जी का ही कमाल था कि 30 वर्ष के अंदर देश को 1947 में आजादी मिल गई। गांधी जी ने अपनी अंतर्आत्मा की आवाज पर काम किया, सदभावना को प्रश्रय दिया, उनके काम का जनमनास पर खूब प्रभाव पड़ा।
उन्होंने कहा कि गांधी जी अपना काम करते रहे, उनकी तो हत्या हो गई लेकिन उनके विचारों की हत्या नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने शराबबंदी, सत्याग्रह और सत्य अहिंसा का संदेश दिया था। गांधी का सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है। नीतीश ने कहा कि जो व्यक्ति गांधी जी की आत्मकथा का वाचन करेगा, उसके जीवन में परिवर्तन जरूर आएगा।
उन्होंने कहा कि बिहार के हर सरकारी स्कूलों में गांधी जी पर कथा वाचन कार्यक्रम चलाया जाएगा तथा उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर गांधी जी के विचारों के प्रति लोगों के मन में आकर्षण पैदा हो जाए तो कितना परिवर्तन हो जाएगा।
नीतीश ने कहा कि राज्य के प्रत्येक स्कूल में गांधी जी पर कथा वाचन से बच्चों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। गांधी जी का जीवन ही उनका संदेश है। जो किया, जो कहा उसे करके दिखाया। ये नई पीढ़ी जान जाए, तो उनका जीवन सार्थक हो जाए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बाल विवाह और दहेज प्रथा को भी हटाने के लिए सभी लोगांे से अपील करते हुए कहा कि इससे समाज में कई तरह की परेशानियां बढ़ रही है। उन्होंने दहेज लेकर विवाह करने और बाल विवाह करने को अपराध बताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने खुद ‘चंपारण’ एवं ‘मिट्टी से नेता बनते हैं’, नाम की कथा का वाचन किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि बिहार के स्कूलों में बच्चों को अब प्रतिदिन महात्मा गांधी से जुड़ी कहानियां सुनाई जाएंगी। स्कूलों में प्रार्थना (असेंबली) के बाद बच्चे बापू की कहानियों को जोर-जोर से पढ़ेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा दो पुस्तकें छपवाई गई हैं। इसमें गांधी के जन्मस्थल से लेकर उनके जीवन परिचय की कुल 40 कहानियों का संग्रह तैयार किया गया है।